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Urvashi Sadhana [उर्वशी साधना ]

उर्वशी साधना सौन्दर्य, सुख प्रेम की पूर्णता हेतु

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             रम्भा, उर्वशी और मेनका तो देवताओं की अप्सराएं रही हैं, और प्रत्येक देवता इन्हे प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील रहा है। यदि इन अप्सराओं को देवता प्राप्त करने के लिए इच्छुक रहे हैं, तो मनुष्य भी इन्हे प्रेमिका रूप में प्राप्त कर सकते हैं। इस साधना को सिद्ध करने में कोई दोष या हानि नहीं है तथा जब अप्सराओं में श्रेष्ठ उर्वशी सिद्ध होकर वश में जाती है, तो वह प्रेमिका की तरह मनोरंजन करती है, तथा संसार की दुर्लभ वस्तुएं और पदार्थ भेट स्वरुप लाकर देती है। जीवन भर यह अप्सरा साधक के अनुकूल बनी रहती है, वास्तव में ही यह साधना जीवन की श्रेष्ठ एवं मधुर साधना है तथा प्रत्येक साधक को इस सिद्धि के लिए प्रयत्नशील होना चाहिए।
           अप्सरा साधना किसी भी शुक्रवार से प्रारम्भ किया जा सकता है। यह रात्रिकालींन  साधना है। स्नान आदि कर पीले आसन पर उत्तर की ओर मुंह कर बैठ जाएं। सामने पीले वस्त्र पर उर्वशी यंत्र‘ (ताबीज) स्थापित कर दें तथा सामने पांच गुलाब के पुष्प रख दें। फिर पांच घी के दीपक लगा दें और अगरबत्ती प्रज्वलित कर दें।
उर्वशी प्रिय वशं करी हुं
इस मंत्र के नीचे केसर से अपना नाम अंकित करें। फिर माला से निम्न मंत्र की १०१ माला जप करें
मंत्र
ह्रीं उर्वशी मम प्रिय मम चित्तानुरंजन करि करि फट
यह मात्र सात दिन की साधना है और सातवें दिन अत्यधिक सुंदर वस्त्र पहिन यौवन भार से दबी हुई उर्वशी प्रत्यक्ष उपस्थित होकर साधक के कानों में गुंजरित करती है कि जीवन भर आप जो भी आज्ञा देंगे, मैं उसका पालन करूंगी।
तब पहले से ही लाया हुआ गुलाब के पुष्पों वाला हार अपने सामने मानसिक रूप से प्रेम भाव उर्वशी के सम्मुख रख देना चाहिए। इस प्रकार यह साधना सिद्ध हो जाती है और बाद में जब कभी उपरोक्त मंत्र का तीन बार उच्चारण किया जाता है तो वह प्रत्यक्ष उपस्थित होती है तथा साधक जैसे आज्ञा देता है वह पूरा करती है।
साधना समाप्त होने पर उर्वशी यंत्र (ताबीज)’ को धागे में पिरोकर अपने गलें में धारण कर लेना चाहिए। सोनवल्ली को पीले कपड़े में लपेट कर घर में किसी स्थान पर रख देना चाहिए, इससे उर्वशी जीवन भर वश में बनी रहती है।
विशेष  ——— उपरोक्त साधना फेसबुक के किसी माध्यम से प्राप्त साधना है और हम स्पष्टतः निःसंकोच कहना चाहेंगे की हमने इसे नहीं किया है ,हमारा झुकाव तो केवल महाविद्या साधना की ओर ही रहा है ,लौकिक भौतिकता परक साधनाएं हमने न की हैं न रूचि रही है ,अतः व्यक्तिगत अनुभव नहीं है की वास्तव में ही ऐसा होता है ,इतने कम दिनों में जैसा की ऊपर लिखा गया है | हमें लगता है की फेसबुक पर भी यह साधना किसी पुस्तक से आई है और जिसने भी किसी पुस्तक में लिखा है उसने खुद कहीं और से प्राप्त कियाहै ,खुद उसने भी नहीं किया है |क्योकि जिस प्रकार की ऊर्जा संरचना इन अप्सराओं की होती है और जो स्थिति इनकी ब्रह्माण्ड में है हमें नहीं लगता की इतनी आसानी से इन्हें साधा जा सकता है |हमने उपरोक्त साधना मात्र जानकारी के उद्देश्य से दिया है ,और हम यह जरुर मानते हैं की यदि कोई साधक गुरु की अनुमति से और गुरु सुरक्षा के साथ यह साधना करे कुछ निश्चित दिनों [यथा कम से कम २१ ,४१, ५१ दिनों तक ] तो इसमें सफलता प्राप्त हो सकती है |हाँ इसके लिए अत्यंत सावधानी ,सतर्कता ,नियम बद्धता ,एकाग्रता ,शुद्धता ,शुचिता आवश्यक होगी ,साथ ही
पूर्ण जानकारी भी होनी चाहिए ,क्योकि अप्सराएं श्राप भी दे देती हैं और साधना भंग करने का भी प्रयत्न करती हैं ,उस पर उर्वशी अप्सराओं में बेहद उच्च कोटि की शक्ति संपन्न अप्सरा है अतः इसके लिए तो अधिक ज्ञान और सावधानी चाहिए |……………………………………………………..हर
हर महादेव

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