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महाकाल भैरव माला मंत्र

महाकाल
भैरव महा मंत्र
 

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साधक मित्रो ये एक ऐसा मंत्र है इसे सिद्ध करने के बाद कुछ भी नहीं शेष
रहता
….बस आवशकता है तो कठिन अभ्यास और एकाग्रता और
दृढ़ इच्छाशक्ति के साधना की
….इस मंत्र को
सिद्ध करने के लिए आप का दैनिक व्यवहार सात्विक न किसी को गलत बोलना न गलत सुन्ना
.और विषय भोग का त्याग ..कुछ ही दिनों में
आपको पता चल जायेगा क्या परिवर्तन हो रहा है
…! ये
सर्व कार्य सिद्धि मंत
्र है ..( ये देहात भाषा में साबर मंत्र है इसके व्याकरण को बदलने का प्रयास करे ) ये मूल भाषा में ही मंत्र है ..! महाकाल भैरव अमोघ मंत्र माला 
मंत्र:-
गुरूजी काला भैरू कपिला केश ,काना मदरा भगवा भेस मार मार काली पुत्र बरह कोस की मार भूता हाथ कलेजी खुहां गेडिया जहाँ जाऊं भेरुं साथ ,बारह कोस की सिद्धि ल्यावो , चौबीस कोस की सिद्धि ल्यावो सूती होय तो जगाय ल्यावो बैठा होय तो उंय ल्यावो अनंत केसर की भारी ल्यावो गौरा पारवती की बिछिया ल्यावो गेल्यां किरस्तान मोह कुवे की पनिहारी मोह बैठा मनिया मोह घर की बैठी बनियानी मोह ,राजा की रजवाड मोह ,महिला बैठी रानी मोह , डाकिनी को शाकिनी को भूतनी को पलितनी को ओपरी को पराई को ,लाग कूं लापत कूं ,धूम कूं , धक्का कूं ,पलिया कूं ,चौड कूं चौगट कूं ,काचा कुण ,कालवा कूं भूत कूं पालित कूं जिन कूं , राक्षस कूं ,बैरियो से बरी करदे ,नजरा जड़ दे ताला ..इत्ता भैरव नहीं करे तो ..पिता महादेव की जाता तोड़ तागड़ी करे माता पार्वती का चीर फाड़ लंगोट करे ..चल डाकिनी शाकिनी ..चौडूं मैला बकरा देस्युं मद की धार भरी सभा में द्यूं आने में कहाँ लगाईं बार ,खप्पर में खाय मसान में लोटे ऐसे काल भेरू की कुन पूजा मेंटे राजा मेंटे राज से जाय प्रजा मेंटे दूध पूत से जाये जोगी मेंटे ध्यान से जाये ..शब्द साँचा ब्रम्ह वाचा चलो मन्त्र इश्वरो वाचा …!
विधि :- इस मन्त्र की साधना शुरू करने से पहले इकत्तीस दिन पहले ब्रम्हचर्य का पालन और सात्विकता बरते फिर अनुष्टान का प्रारंभ करे ..इस साधना को घर में करे ..ये साधना रात्रि कालीन साधना है ..इसे कृष्ण पक्ष के शनिवार से आरंभ करनी है ..एक त्रिकोनी कला पत्थर ले कर उसे स्वच्छ पानी से धोकर उस पर सिन्दूर और तील के तेल से लेपन कर ले ..पश्चात् पान का बीड़ा , लेवे , सात लॉन्ग का जोड़ा धर ..लोबान धुप और सरसों के तेल का दिया जल लेवे चमेली के फूल रख लेवे पूजा के समय फिर एक श्रीफल की बलि देकर गुरुपूजन करके गणेश पूजन कर .बाबा महाकाल यानि ( महादेव से मंत्र सिद्धि के लिए आशीर्वाद मांगे ) और अनुष्ठान आरम्भ करे ..इकतालीस दिनों तक नित्य इकतालीस पाठ इस मंत्र की करे …..हर रॊज जप समाप्ति पर एक विशेष सामग्री से हवंन करले ये हवंन रोज मन्त्र समाप्ति के बाद करना है ..( सामग्री है कपूर केशर लवंग )
प्रथम दिन और अंतिम दिन भोग के लिए ..उड़द के पकोड़े और बेसन के लड्डू भोग में रख लेवे ..दूध और थोडा सा गुड भी रख लेवे ..इनका प्रशाद गरीबो में बाट देवे ….सातवे दिन से ही आपको अनुभव होने लगेगा की आप के सामने कोई खड़ा है …..भैरवजी का रूप डरावना है इसलिए सावधान ..कम्जोर दिल वाले इस साधना को करे ..अंतिम दिन भैरवजी प्रगट हो जायेंगे उनसे फिर आप मनचाहा .वर मांगले ..!
विशेष चेतावनी 

—————– पोस्ट का उद्देश्य जानकारी प्रदान करना है ,केवल पोस्ट पढ़कर साधना करने बैठें ,किसी प्रकार की हानि लाभ के लिए हम उत्तरदाई नहीं होंगे |साधना के इच्छुक हों तो किसी योग्य तांत्रिक से परामर्श और मार्गदर्शन अवश्य लें उसके बाद ही साधना में प्रवृत्त हों |साथ में सुरक्षा कवच अवश्य धारण करें |कमजोर दिल वाले साधना करें |………………………………………………………….हरहर महादेव 


विशेष – उपरोक्त यन्त्र हेतु अथवा किसी विशिष्ट समस्या ,तंत्र -मंत्र -किये -कराये -काले जादू -अभिचार ,नकारात्मक ऊर्जा प्रभाव आदि पर परामर्श /समाधान हेतु संपर्क करें -मो. 07408987716 ,समय -सायंकाल 5 से 7 बजे के बीच . 

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