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महाशिवरात्रि पर विशेष पुष्प शिवलिंग पर चढ़ाएं

शिवलिंग पर एक बार यह फूल चढ़ाएं और देखें चमत्कार

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महाशिवरात्रि या त्रयोदशी ,प्रदोष आदि भगवान शिव से सम्बन्धित होता है |इस दिन अनेक उपाय और प्रयोग लोग अपनी सुख ,समृद्धि ,शान्ति ,सुख ,सुरक्षा ,धन वृद्धि ,दरिद्रता निवारण के लिए करते हैं |इन उपायों में कुछ उपाय अत्यंत अचूक होते हैं जो विशेष समय करने पर तात्कालिक प्रभाव दिखाते हैं |हम आपको एक छोटा और सरल उपाय बता रहे जिससे आप दरिद्रता मुक्त भी हो सकते हैं और सुख -समृद्धि शान्ति सुरक्षा भी पा सकते हैं |महाशिवरात्रि या प्रदोष के दिन किसी शिव मन्दिर में अथवा घर के प्राण प्रतिष्ठित शिव मूर्ती अथवा शिवलिंग की विधिवत पूजा करें |अपनी आर्थिक समस्या के निवारण की प्रार्थना करें |उन्हें थोड़े नागकेशर ,एक हल्दी की साबुत गाँठ ,एक सिक्का ,एक सुपारी ,थोड़े अक्षत [बिना टूटे हुए चावल] और एक ताम्बे का टुकड़ा अर्पित करें |इसके बाद आप नागकेशर या नीली अपराजिता के ५ फूल अर्पित करें |यदि सम्भव हो तो नील कमल को अर्पित करें |धुप ,दीप ,नैवेद्य ,आरती के बाद दीपक बुझने तक इन्तजार करें |इसके बाद  पीत [पीले सूती ] वस्त्र में नागकेसर, हल्दी, सुपारी, एक सिक्का, ताँबे का टुकड़ा, चावल यानी अक्षत और एक फूल उठाकर रखकर पोटली बना लें। इस पोटली को शिवजी के सम्मुख रखकर,पुनः धूप-दीप से पूजन करके ,शिव जी का कुछ समय मंत्र जप करके सिद्ध कर लें फिर आलमारी, तिजोरी, भण्डार में कहीं भी रख दें। यह धनदायक प्रयोग है।प्रतिदिन इस पोटली की धुप दीप से पूजा करते रहें | प्रत्येक प्रयोग में “ॐ नमः शिवाय” से अभिमन्त्रित करना चाहिए। इस प्रयोग के प्रभाव से आप दरिद्रता मुक्त होते हैं ,घर में शान्ति स्थापित होती है ,उन्नति के मार्ग प्रशस्त होते हैं ,सफलता बढ़ जाती है ,सम्मान और विजय के रास्ते खुलते हैं | महाशिवरात्रि को विशेष कर प्राण प्रतिष्ठित शिवलिंग पर नीली अपराजिता या नागकेशर या नील कमल पुष्प को अर्पित करने से शिव की कृपा विशेष रूप से मिलती है और सभी क्षेत्रों में लाभ होता है |यह प्रयोग चमत्कारिक है |इस रात्री को शिवलिंग पर चढ़ाया निर्माल्य तीव्र प्रभावी होता है |इस प्रयोग को आप सोमवार को भी कर सकते हैं बस प्रभाव थोडा कम हो जायेगा और समय अलग होगा |इसे आप प्रदोष को भी कर सकते हैं पर फिर समय अलग होगा |सोमवार को प्रयोग करते समय समय होगा ठीक सूर्य के उदय होने का समय और प्रदोष को प्रयोग करने का समय होगा सूर्यास्त के बाद किन्तु रात से पहले का अर्थात गोधुली बेला का |आप प्रयोग करें और आपको लाभ हो ,आप सुखी समृद्ध हों यही हमारी कामना है |धन्यवाद ,नमस्कार


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