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ज्योतिष ,तंत्र ,कुण्डलिनी ,महाविद्या ,पारलौकिक शक्तियां ,उर्जा विज्ञान

अलग व्यक्तित्व अलग वशीकरण

किस व्यक्ति के लिए कैसा वशीकरण प्रयोग हो ?

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         वशीकरण एक तांत्रिक षट्कर्म विद्या है जहाँ एक निश्चित दिशा में ऊर्जा प्रक्षेपण कर लक्ष्य के सोच ,स्वभाव ,पसंद -नापसंद में परिवर्तन करते हुए व्यक्ति विशेष के वशीभूत किया जाता है |यह बहुत से मामलों में सफल होता है किन्तु अधिकतर असफल ही होता है ,क्योंकि इसकी तकनीक अक्सर लोगों को यहाँ तक की तांत्रिकों को भी नहीं पता होती तथा रटी -रटाई प्रक्रिया अपना लेते हैं |मैं वशीकरण का सामान्यतया समर्थन नहीं करता क्योंकि यह जबरदस्ती किसी को किसी तरफ मोड़ देने की क्रिया है किन्तु कभी कभी परिस्थितियां ऐसी बन जाती हैं की इसकी जरूरत पड़ जाती है |हमारे पास अक्सर ऐसे मामले आते रहते हैं जहाँ पति या पत्नी में से किसी एक का व्यवहार अनुकूल नहीं होता और दाम्पत्य जीवन सुखी नहीं होता अथवा दाम्पत्य पर खतरा होता है |यहाँ वशीकरण की जरूरत हो जाती है |कभी -कभी पति -पत्नी में कुछ दुर्गुण उत्पन्न हो जाते हैं जिनको सुधारने के लिए उनका बात मानना जरुरी होता है तब इसकी जरूरत होती है |नई विवाहित कन्या किसी परिवार में जाती है ,जहाँ उसकी सास या ससुर या दोनों को लगता है की कहीं इसके प्रभाव में आ उनका बीटा उनसे विमुख न हो जाय |इस सोच के तहत वह उस कन्या को प्रताड़ित करने लगते हैं अथवा किसी लालच में प्रताड़ित करते हैं तब इस विद्या की जरूरत उन्हें अनुकल करने के लिए होती है |

         वशीकरण विद्या का दुरुपयोग ही सबसे अधिक होता है |दम्पतियों से कई गुना अधिक लड़के -लड़कियां हमसे सम्पर्क करते रहते हैं |अमुक को वश में कर दीजिये ,प्रेम प्रसंग है ,अमुक को अनुकल करने का उपाय बता दीजिये ,अमुक धोखा दे दिया उसे वापस ला दीजिये |हम अपने सिद्धांतो से मजबूर प्रेम प्रसंग में तो नहीं पड़ते किन्तु विचार तो आते ही हैं की क्या यह वशीकरण का सदुपयोग है |फेसबुक और इंटरनेट पर हजारों लव -वशीकरण स्पेशलिस्ट इन्ही लोगों के कारण आ गए हैं |अक्सर इनका शोषण ही होता है किन्तु फिर भी यह सोचते हैं की कैसे भी अपने लक्ष्य को पाया जाए |बहुत से ऐसे लडके -लड़कियां फोन और मेसेज करते हैं जिनमे वो इकतरफा किसी से प्यार कर रहे होते हैं और चाहते हैं की वह उनके वशीभूत हो जाय |यह लोग यह नहीं समझते की यदि ऐसा सम्भव होता तो हर अमीर और शक्तिशाली महिला -पुरुष को कोई भी वशीभूत करके अपना उद्देश्य पूरा करा लेता |

         वशीकरण आसान कत्तई नहीं है और इसमें बहुत अधिक धोखा भी मिलता है |काम होता नहीं और पैसा ले लिया जाता है |यही कारण है की हम हमेशा परेशान व्यक्ति से ही क्रिया कराते हैं जिनका स्वार्थ होता है |खुद की ऊर्जा कुछ पैसों के लिए इनके उनके फ़ालतू के कामों में लगाने की बजाय तरीका बताना बेहतर भी है और सफलता भी अधिक मिलती है इससे क्रिया करने वाले को |जब कोई खुद क्रिया करता है तो सफलता प्रतिशत कई गुना बढ़ जाता है ,यद्यपि किसी भी क्रिया की कोई गारंटी नहीं होती ,क्योंकि वशीकरण हो या कोई तांत्रिक क्रिया उसकी ऊर्जा को रोकने वाले अनेक कारक होते हैं |इन कारकों की ऊर्जा अधिक रही तो वशीकरण असफल और व्यक्ति की ऊर्जा अधक हुई तो वशीकरण सफल |यह सब ऊर्जा प्रक्षेपण और ऊर्जा संतुलन का खेल है जहाँ हर क्रिया की अलग तकनीक होती है |हर व्यक्ति के लिए ,उसके रिश्ते के अनुसार लग तकनीक अपनानी होती है |अलग मंत्र और पद्धति बनानी होती है |असफलता इनकी जानकारी न होने पर हो जाती है |

               जो तकनीक ,जो प्रक्रिया पति के लिए अपनाई जायेगी वह ससुर के लिए उपयोगी नहीं हो सकती ,क्योंकि ससुर से सम्बन्ध भिन्न होंगे और पति से भिन्न |पति की प्रक्रिया ससुर पर अपनाने पर वह भी पति जैसी ही भावना से आकर्षित हो जाएगा ,यह ध्यान रखना आवश्यक होता है |जिस प्रक्रिया को पति अथवा पत्नी के लिए अपनाया जाएगा वह सास के लिए उपयोगी नहीं होगा ,क्योंकि रिश्ते और जरूरतें भिन्न होंगी |वही प्रक्रिया अपनाने पर वैसी ही प्रतिक्रिया मिलेगी जो उचित नहीं होगी |जिस प्रक्रिया को पति या पत्नी के लिए या सास -ससुर के लिए अपनाया जाएगा वह प्रक्रिया बिगड़े -बेटे अथवा बेटी के लिए नहीं अपनाया जा सकता |यहाँ सम्बन्ध अलग होंगे अतः प्रक्रिया भिन्न हो जायेगी |अगर तकनिकी क्रिया है तो इनका ध्यान रखना होता है ,केवल मान्त्रिक जप है तो कुछ मंत्र ऐसे जरुर होते हैं जिन्हें विधिवत सिद्ध करने पर उनमे बस नाम ही जोड़ने होते हैं रिश्ता कोई भी हो वह सभी पर काम करते हैं |

         केवल मन्त्र जप से वशीकरण के प्रयास में सामान्यतया प्रभाव धीरे धीरे होता है और शांत होता है जबकि तांत्रिक क्रिया के द्वारा वशीकरण करने पर उत्तेजनात्मक और तीव्र प्रभाव देखने में आता है अतः यह भी देखना आवश्यक हो जाता है की किस पर कैसी क्रिया का क्या प्रभाव होगा |इन सभी बातों का ध्यान रखने के साथ इस बात का भी ध्यान रखना होता है की कौन सा व्यक्ति किस वातावरण में रहता है ,उसकी कैसी सुविधा असुविधा है |वह क्या कर सकता है क्या नहीं |अकसर वशीकरण में इनका ध्यान न रखने पर वशीकरण असफल होती है और श्रम तथा मूल्य व्यर्थ जाते हैं अतः जब भी वशीकरण की आवश्यकता हो क्रिया स्वयं करें ,पूर्ण जानकारी के साथ करें ,लगातार करें जब तक की सफल न हो जाएँ क्योंकि कुछ लोगों को वशीकृत करने में वर्षों का समय भी लग सकता है ,कारण होता है भिन्न भिन्न कारक जो वशीकरण के प्रभाव को रोकते हैं |

            यदि किसी को कोई वस्तु अभिमंत्रित करके पहले से किसी भी उद्देश्य के लिए खिला पिला दिया गया है तो उस व्यक्ति पर वशीकरण का प्रभाव डालना कठिन हो जाता है |इस स्थिति में मात्र मान्त्रिक जप तो प्रभावहीन होते ही हैं तांत्रिक खिलाने पिलाने की क्रिया भी असफल होने लगती है |पहले से उपस्थित वस्तु की ऊर्जा बाद में आने वाले को रोकती है |जब तक पहले की क्रिया को निष्क्रिय न किया जाय या निकाला न जाय वशीकरण सम्भव नहीं होता |यदि किसी व्यक्ति के ईष्ट देवता या कुलदेवता आदि बहुत मजबूत हों तो भी बाहर से की जाने वाली मान्त्रिक क्रियाएं असफल हो जाती हैं ,तांत्रिक खिलाने पिलाने पर वशीकरण हो सकता है |यहाँ पहले आकर्षण प्रयोग करके व्यक्ति से मिलना फिर क्रिया करना होता है |कुछ विशेष लग्न राशि वालों अथवा बेहद मजबूत आत्मबल वालों और उग्र साहसी लोगों पर भी जल्दी वशीकरण काम नहीं करता |कोई किसी अदृश्य शक्ति से प्रभावित हो तो भी वशीकरण मुश्किल होता है उसपर |वशीकरण में बिना इन सब का ध्यान रखे क्रिया अक्सर असफल हो जाती है |परिस्थिति ,वातावरण ,व्यक्ति के आकलन के साथ ही सही मन्त्र और तरीका चयन सफल बना सकता है |जरूरत होती है सही मार्गदर्शक ,सही तकनीक और सतत गंभीर प्रयास की |……………………………………………….हर हर महादेव


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