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वनस्पतियों से वशीकरण

वनस्पतियों द्वारा वशीकरण मंत्र प्रयोग

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जब परिस्थितियां विपरीत हो जाएँ और वशीकरण आवश्यक हो जाए ,गृहस्थ जीवन नरक तुल्य होने लगे ,आपसी वैमनस्य होने लगे तो वशीकरण के निम्न प्रयोग किये जा सकते हैं |इसके लिए सर्वप्रथम निम्न दोनों मन्त्रों में से किसी एक को विधि विधानानुसार सिद्ध कर लेना चाहिए |

ॐ क्लीं नमो नारायणाय सर्वलोकं मम् वश्यं कुरु कुरु स्वाहा |

ॐ नमो भगवते उड्डामरेश्वराय मोहय मोहय मिली मिली ठ: ठ: |

शुभ दिन ,शुभ पर्व ,शुभ लग्न अर्थात शुभ मुहूर्त में उत्तर की ओर मुंह कर सूर्योदय के समय ,दोनों में से किसी भी एक मंत्र का मूंगे की माला से जप आरम्भ करे |निश्चित दिनों में ,निश्चित संख्या में जप करते हुए ३० हजार जप पूर्ण करे |इसके बाद हवन करे |इसके बाद निम्न में से किसी भी वनस्पति का प्रयोग करने से पूर्व उसे सात बार अभिमंत्रित करे |

१. पुष्य नक्षत्र में बड वृक्ष की मूल लाकर ,मंत्र से अभिमंत्रित करे और पत्थर पर घिसकर ,उसके लेप को चन्दन की भाँती मस्तक पर लगाकर जिसके भी सम्मुख जायेंगे वह अनुकूल कार्य करेगा |

२. पुष्य नक्षत्र में ही पुनर्नवा की मूल लाकर मंत्र अभिषिक्त करके दाहिने बाजू पर धारण करने वाला व्यक्ति दूसरों का दिल जीतने में सफल होता है |

३. अपामार्ग की मूल को घिसकर माथे पर लेप करने वाला व्यक्ति सबको वश में करने में सफल रहता है |यह प्रयोग रविपुष्य योग में किया जाना चाहिए और पूर्ण अपामार्ग मूल विधिवत तंत्रोक्त पद्धति से निष्काषित -अभिमंत्रित होनी चाहिए |प्रयोग पूर्व सात बार उपरोक्त मंत्र से अभिमन्त्रण होना चाहिए |

४. रवि पुष्य योग के दिन सहदेई की मूल लाकर छाया में सुखाकर इसके चूर्ण को मंत्राभिषिक्त कर पान में जिसे खिलाया जाता है उसका वशीकरण होता है |

५. ग्वारपाठा की मूल और विजया के बीजों को पीसकर बनाया गया लेप माथे पर तिलक की भाँती लगाने से वशीकरण का प्रभाव उत्पन्न होता है |इसे लगाने के पूर्व अभिमंत्रित अवश्य करें |

६. रविपुष्य योग के दिन विधिवत आमंत्रित -निष्काषित और अभिमंत्रित गूलर की जड़ पत्थर पर घिसकर उपरोक्त मंत्र से अभिमंत्रित कर माथे पर तिलक लगाने से वशीकरण का प्रभाव उत्पन्न होता है |

७. पान के रस में वच पीसकर और उसमे सिन्दूर मिलाकर बनाए गए लेप का अभिमंत्रित तिलक वशिकारक प्रभाव की सृष्टि करता है |

८. काले धतूरे के पत्तों का रस निकाल उसमे गोरोचन मिला श्वेत कनेर की कलम से भोजपत्र पर ईष्ट व्यक्ति का नाम लिखें और खैर की लकड़ी की अग्नि पर वह पत्र तपायें तथा मंत्र की एक माला पूर्व में जपें और तपाते समय भी जपें तो अभीष्ट व्यक्ति का आकर्षण होता है |

९. रविवार के दिन ब्रह्मदंडी ,वच व उपलेट का चूर्ण अभिमंत्रित कर जिसे पान में खिलाएंगे वह कहे अनुसार कार्य करता है |………………………………………………हर हर महादेव


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