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गधे की छान से स्तम्भन /वशीकरण

गधे की छान से स्तम्भन ,वशीकरण

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           हम आपको आज एक ऐसी रस्सी के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपकी सामान्य प्रवृत्तियों को ,मन को ,तन की क्रियाओं को ,इच्छाओं को ,चाहत को बदल देती है ,रोक देती है ,दूसरी दिशा में घुमा देती है |यह रस्सी है गधे की रस्सी |गधा यानी डंकी को तो आप जानते ही हैं इसी की रस्सी की हम बात कर रहे |आप सोच रहे होंगे की गधे की रस्सी क्या होती है ,कौन सी रस्सी के बारे में कह रहे हैं |सामान्य लोग सोचेंगे की गधे की रस्सी का मतलब उसके गले में बाढ़े जाने वाली रस्सी की हम बात कर रहे किन्तु नहीं ,हम गले की रस्सी की नहीं ,उस रस्सी की बात कर रहे जो गधे के पैर में बाँधी जाती है जिससे वह भाग न सके |आप शायद जानते हों या न जानते हो जो लोग गधा रखते हैं वह उसके पिछले पैरों में एक रस्सी बांधते हैं ताकि वह दुलत्ती कम मार पाए ,भाग न पाए |इस रस्सी से गधा कम चल फिर पाता है |अक्सर धोबी लोग गधे के पिछले पैरों में यह रस्सी बाँध उसे चरने के लिए छोड़ देते हैं |यह रस्सी बड़े काम की होती है |तंत्र में गधे के दांतों का ,गधे की रस्सी का प्रयोग कई कार्यों के लिए किया जाता है ,यहाँ तक की गधा जहां लेटा हो वहां की मिटटी के भी बहुत से प्रयोग किये जाते हैं और यह अचूक काम करते हैं अर्थात तंत्र में गधा बहुत काम की चीज मानी जाती है जिससे जीवन के वह काम कर लिए जाते हैं जो असंभव से लगते हैं |

   तंत्र में गधे की रस्सी या छान का प्रयोग स्तम्भन ,वशीकरण या किसी पर नियंत्रण के लिए किया जाता है |इस रस्सी में ऐसी शक्ति आ जाती है की इसे विशिष्ट तंत्र क्रिया करके प्रयोग करने पर यह किसी व्यक्ति को बाँध देती है ,किसी को वशीकृत किया जा सकता है |क्रिया के बाद व्यक्ति खुद को अनजानी शक्ति से बंधा सा महसूस करता है |एक अदृश्य नियंत्रण होता है जो उसे वह गलत कार्य नहीं करने देता जिसके लिए इसका प्रयोग किया गया हो |सामान्यतया धोबी आदि गधा रखने वाले यह रस्सी नहीं देते हैं किन्तु उन्हें आचा पैसा दिया जाय तो वह दे देते हैं |इसे प्राप्त करने के बाद इस पर विशिष्ट तंत्र क्रियाएं की जाती हैं और निश्चित अलग अलग कार्य के अनुसार मंत्र जप किये जाते हैं जिससे यह सम्बन्धित क्षेत्र में कार्य के उपयुक्त हो जाती है |बिना शक्तिकृत किये इसका प्रयोग कम प्रभाव देता है |गाँव -देहात के ओझा ,गुनिया ,भगत ,तांत्रिक इसका बहुतायत प्रयोग करते हैं और बताते नहीं की यह क्या है और इसको वह कैसे सिद्ध करते हैं |इसे किसी को प्रयोग के लिए देंते समय इसका बहुत छोटा सा टुकड़ा ही किसी को दिया जाता है |

    यदि कोई व्यक्ति या कोई बच्चा या पुत्र -पुत्री ,पति -पत्नी घर वालों की बात न मान रहा हो तो इस रस्सी को उसके न जानते हुए उसके पावों में लपेट देने और कुछ देर छोड़ देने पर व्यक्ति पर नियंत्रण हो जाता है |कोई अपने पति -पत्नी की अवहेलना कर रहा हो ,बात न समझ रहा हो ,बिगाड़ा हो ,गलत सांगत में हो या किसी और के चक्कर में हो ,दुर्व्यसन में लिप्त हो तो अभिमंत्रित गधे की छान के टुकड़े को पानी में भिगोकर निचोड़ कर उस पानी को व्यक्ति को पिला देने पर वह व्यक्ति पिलाने वाले के वशीभूत हो जाता है |इसके पहले यह वाशिक्र्ण मंत्र से अभिमंत्रित होना चाहिए |आज के वैज्ञानिक युग में शायद यह सब बात आपको आश्चर्यजनक और असंभव लगती हो किन्तु यह क्रियाएं अचूक काम करती हैं |इनके पीछे तरंगों का विज्ञान होता है जिसके बारे में हम अपने पहले के लेखों में लगातार बताते आये हैं |इस रस्सी को काली मंत्र से अभिमंत्रित कर किसी को ताबीज में धारण कराने पर उससे भूत -प्रेत वायव्य बाधाएं दूर रहती हैं |इसके अतिरिक्त भी इस रस्सी के अनेक कार्य है जैसे उच्चाटन ,विद्वेषण ,आकर्षण आदि |अलग क्रियाओं के अनुसार इस पर तांत्रिक क्रिया का तरीका और मंत्र बदल जाते हैं ,साथ ही इसका प्रयोग भी अलग अलग तरीके से करना होता है इसलिए हम मंत्र और तरीके नहीं लिख रहे |इसका दुरुपयोग भी हो सकता है अतः इसे सार्वजनिक नहीं किया जाता |जिन्हें जरूरत होती है उन्हें कार्य के अनुसार तांत्रिक प्रयोग बताकर करवाते हैं |…………………………हर हर महादेव


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