काले जादू से बचाव और वापसी
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काले जादू से बचाव आसान है किन्तु एक बार काले जादू का किसी पर प्रक्षेपण हो जाए तो फिर उसकी समाप्ति या वापसी मुश्किल होती है |इसके लिए सम्बंधित शक्ति अथवा साधक से अधिक शक्ति की आवश्यकता होती है ,जिससे उस शक्ति अथवा साधक को मजबूर कर सके |कुछ काले जादू को वापस नहीं किया जा सकता और उनकी शक्ति को कम अथवा समाप्त करना ही विकल्प होता है |कुछ मामलों में समान्तर जीवनी ऊर्जा अथवा सफ़ेद जादू ,जिससे व्यक्ति की शक्ति बढ़ सके भी करना पड़ जाता है | अगर आपको इनके असर को बेअसर करना है तो पहले इनकी सच्चाई जाने ,प्रकार को समझें ,शक्ति का आकलन हो ,फिर अपने आत्मबल को मजबूत करें ,क्यों की प्राण ऊर्जा और आत्मबल बड़े से बड़े जादू को बेअसर या कमजोर कर सकता है।इसका मूल यह होता है की आत्मबल की मजबूती जीवनी ऊर्जा बढ़ा देती है | अगर हमारी सेहत में गिरावट महसूस की जाती है। इसका मतलब हमारी ऊर्जा का स्तर कम हुआ है। अगर हमें बाह्य प्रभाव को दूर करना है, अगर हमें स्वस्थ जीवन बिताना है तो हमारे प्राण ऊर्जा का स्तर सही रहना जरुरी है। जिसके लिए नियमित ध्यान सबसे अच्छा माध्यम है। ध्यान हमारे प्राण ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है |
काले जादू से बचाव में सात्विक शक्तियाँ बहुत कारगर नहीं होती |यह सकारात्मक या धनात्मक ऊर्जा बढ़ा तो सकती हैं किन्तु न तो यह किसी अभिचार को रोकती हैं न हटाती हैं |धनात्मक ऊर्जा बढने से नकारात्मक ऊर्जा की मात्रा कम जरुर हो जाती है और प्रभाव धीमा हो जाता है किन्तु यह समाप्त नहीं होता और अपना लक्ष्य देर से ही सही पर पूर्ण जरुर करता है |काले जादू से बचाव हेतु उग्र शक्तियों की आराधना ,उपासना कारगर होती हैं |काली ,बगला ,भैरव ,हनुमान ,रूद्र ,दुर्गा आदि की उपासना काले जादू के प्रभाव को रोकती है ,यद्यपि इनकी उपासना सभी सही तरीके से नहीं कर पाते |इन शक्तियों के योग्य साधक द्वारा अभिमंत्रित इनके कवच /ताबीज से काले जादू का प्रभाव रोका जा सकता है ,सीमित किया जा सकता है |
काला जादू यदि व्यक्ति केन्द्रित हो और आत्मिक शक्तियों के साथ भेजी गयी हो अथवा वुडू या पुतली आदि का प्रयोग हो तो त्वरित प्रभाव देता है और इसे रोकना बेहद कठिन होता है ,चूंकि जब तक पता चलता है यह प्रभाव दे चूका होता है या घातक हो जाता है |बेहद ऊच्च स्तर का साधक ही यहाँ सफल हो सकता है |काला जादू यदि परिवार के लिए हो ,व्यवसाय के लिए हो ,सामूहिक हो अथवा केवल पीड़ित /बीमार /अक्षम करने के लिए हो अथवा जिसमे समय सीमा न हो उसे बगला प्रत्यंगिरा ,महा विपरीत प्रत्यंगिरा ,शत चंडी ,बगलामुखी अनुष्ठान ,काली अनुष्ठान ,भैरव अनुष्ठान आदि से समाप्त किया जा सकता है या हटाया जा सकता है |इसके साथ सिद्ध साधक से इन शक्तियों के अभिमंत्रित यन्त्र कवच में धारण करने से शारीरिक हानि की संभावना कम हो जाती है |स्वयं द्वारा अथवा परिवार के लोगों द्वारा किये अनुष्ठान अधिक कारगर होते हैं ,चूंकि ऊर्जा पूर्ण प्राप्त होती है |हमारे केंद्र से निर्मित चमत्कारी दिव्य गुटिका इनके प्रभाव को रोकने में सक्षम होती है चूंकि इस पर कई तरह के अभिचार रोधक क्रियाएं की जा सकती हैं |……………………………………………हर-हर महादेव
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