कालिका सिद्धि मंत्र
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क्रीं कालिका ,षोडश वर्षीय जवान
हाथ में खड्ग ,खप्पड़ तीर कमान
गले नरमुंड माला ,रहे श्मशान
आओ आओ माँ कालिके ,मेरा कहना मान
नहीं आये कालिका तो ,कालभैरव की दुहाई
शब्द साँचा ,फुरे मंत्र खुदाई
काली जी की सिद्धि हेतु अनेक प्रकार के मंत्र होते हैं जिनमे से शाबर मंत्र अत्यंत शीघ्र प्रभावी होते हैं |आज हम एक ऐसा ही शाबर मंत्र बता रहे जिससे काली जी की कृपा शीघ्र मिलती है और इस मंत्र की शक्ति से साधक अपने तथा दूसरों का अनेक कार्य तो कर ही सकता है आजीवन काली जी की कृपा भी पा सकता है |नियमानुसार तो इस मंत्र शनिवार से शुरू करना चाहिए किन्तु शाबर मंत्र किसी भी मंगलवार और रविवार को जप कर एक दिन में भी सिद्ध किये जा सकते हैं |जितना इस दिन मंत्र जप होगा उतनी शक्ति मंत्र में होगी |
|काली जी की कृपा पाने के लिए शनिवार और मंगलवार अधिक उपयुक्त होते हैं अतः इन डो दिनों में से किसी भी दिन एक दिन का अधिकतम जप का संकल्प लेकर इस मंत्र को किया जा सकता है |मंत्र जप निर्वस्त्र होकर करना चाहिए |एक दिन की साधना में कोशिश करें की कम से कम एक हजार जप अर्थात दस माला जप करें और एक माला से हवन करें |आसन लाल रँग का होगा और दीपक तिल तेल का रखें |एक दिवसीय साधना पूर्ण होने पर इस मंत्र का लाभ विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है जबकि यदि मंत्र की पूर्ण सिद्धि चाहिए तो एक हजार जप रोज करते हुए २१ दिन तक जप करें |इस सिद्धि के लिए नियमानुसार इस मंत्र शुभारम्भ शनिवार की अर्ध रात्री में निर्वस्त्र होकर करें तो कालिका देवी साधक को मनोवांछित वरदान देती हैं तथा साधक को सिद्धियाँ प्रदान करके उसकी हर प्रकार से रक्षा करती हैं |साधक इस मंत्र का आजीवन एक माला जप करे तो अत्यंत लाभप्रद है ,शक्ति और कृपा बढती जाती है |……………….हर हर महादेव
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