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बगलामुखी के किस मंत्र से धन प्राप्ति होती है ?

बगलामुखी मंत्र से धन प्राप्ति

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धन प्राप्ति का बगला विशेष मन्त्र

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        हमारे पाठकों और श्रोताओं को जैसा की ज्ञात है हम शोधपरक और वास्तविक जानकारी देते हैं तथा प्रयास होता है की जानकारी सही और अनुभव पर सही उतरी हो |उस ज्ञान का कोई मतलब नहीं जो क्रियात्मक रूप से प्रतिफलित न हो सके |जिस ज्ञान से हम लाभान्वित हों ,जिससे हम अपने जीवन को सुखी ,उन्नत करते हुए अंततः इस भवसागर से भी पार पा जाएँ वही वास्तव में सफल है |इसी कड़ी में हम आज महाविद्या बगलामुखी के कुछ ऐसे मन्त्रों के बारे में आपको बताने जा रहे जो शायद आपको एक स्थान पर कहीं न मिले और होसकता है इसमें से कुछ मंत्र आपको सामान्यतया मिलें ही नहीं | बगलामुखी देवी का नाम आजकल बहुत अधिक प्रचलित हो रहा क्योंकि आज के संघर्षमय समय में ,सफलता ,विजय उन्नति देने में इस महाविद्या की कोई सीमा नहीं है |सामान्यतया लोग यही जानते हैं की बगलामुखी उपासना ,साधना शत्रु स्तम्भन ,शत्रु नाश ,मुकदमों -विवाद आदि में विजय ,तंत्र क्रिया से बचाव आदि के लिए होता है किन्तु बगलामुखी अपार धन भी देती है और इनका धन प्राप्ति के लिए एक विशेष मंत्र भी होता है यही बहुत से लोग नहीं जानते |

धन प्राप्ति के भी बगलामुखी के अनेक मंत्र होते हैं |बगलामुखी से सम्बन्धित सामान्य किताबों में भी यह मंत्र नहीं मिलते ,इनकी विधि सामान्यतया उपलब्ध नहीं होती |हम आपको इन्ही विशेष धनदायक बगलामुखी मन्त्रों को और इनकी एक सामान्य सभी जगह उपयोगी विधि के बारे में बता रहे जिससे आप लाभ उठा सकें |आप यह तो जानते ही हैं की बगलामुखी बहुत तेज प्रतिक्रिया करने वाली देवी हैं अतः लाभ भी अति शीघ्र होता है |एक बात जरुर है यदि आप संयम से ब्रह्मचर्य का पालन कर सके और मांस मदिरा अंडे आदि का त्याग कर सकें तभी आप इन मन्त्रों का प्रयोग कर पायेंगे ,अन्यथा आपको लाभ तो दूर हानि भी सम्भावित होगी क्योंकि यह अति उग्र और तीव्र प्रतिक्रियाशील देवी हैं जहाँ गलतियों के लिए कोई क्षमा नहीं होती चाहे आप माँ माँ पुकारते रहें |गलती पर माँ दंड जरुर देती है |

मंत्र इस प्रकार है —

१. लक्ष्मीपद मंत्र – ऐं ह्रीं श्रीं बगलामुखी एहि एहि अवतर अवतर में श्रियं देहि देहि स्वाहा |

२. — श्रीं ह्रीं ऐं भगवती बगले में श्रियं देहि देहि स्वाहा

यह मंत्र भक्त मंदार विद्या के नाम से भी जाना जाता है ,जो धन प्राप्ति के लिए अत्युत्तम है |

 इस मंत्र के पद विभाग करके श्रीमद्भागवत के आठवें स्कन्द के आठवें अध्याय के आठवें मंत्र से संयोग करके लक्ष्मी प्राप्ति हेतु किये गए प्रयोग काफी सफल रहे हैं |उक्त संयोग इस प्रकार बनता है – श्रीं ह्रीं ऐं भगवती बगले ,तत्श्चाविर्भूत साक्षाछ्री रमा भगवत परा |रंजयंती दिशः कान्त्या विद्युत् सौदामिनी यथा ,में श्रियं देहि देहि स्वाहा |

३. — ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री बगलामुखी मम रिपुन नाशय नाशय ममैश्वर्याणि देहि देहि शीघ्रं मनोवांछित कार्यं साधय साधय ह्रीं स्वाहा |

इस मंत्र का मुख्या प्रयोग ऐश्वर्य प्राप्ति है |इसके प्रयोग से शत्रु नाश एवं धन प्राप्ति दोनों ही कार्य सिद्ध होते हैं |प्रेतादिक उपद्रव दूर करने एवं बंद व्यापार को पुनः गति देने के लिए यह मंत्र वांछाकल्पतरु के समान है |इस मंत्र में यदि दुर्गा सप्तशती के पाठ का सम्पुट लगाया जाए तो अति उत्तम फल की प्राप्ति होती है |

४. — ॐ ह्ल्रीम बगलामुखी असाध्यं साधय साधय ममैश्वर्याणी देहि देहि विश्वं वश्यं कुरु कुरु स्वाहा |

    इन मन्त्रों से बगलामुखी उपासना या साधना का अनुष्ठान करने के लिए आपको रुद्राक्ष या हल्दी की माला पर जप करना होगा ,आपके वस्त्र और आसन का रंग पीला होगा ,भोजन में हल्दी का प्रयोग करना होगा ,नहाने के पानी में हो सके तो थोड़ी हल्दी दाल नहायें |स्नान में सम्भव हो तो इस प्रकार स्नान करें की पानी सीधे सर पर गिरे |भोजन बिलकुल सात्विक होगा साधना अवधि में और शयन खाट या पलंग या बेड पर न करके तख़्त या जमीन पर करेंगे |पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा |साधना की दिशा पूर्व होगी और जप समय रात्री का होगा जबकि सुबह सामान्य पूजा जरुर करनी होगी |साधना संकल्प के साथ होगी निश्चित दिनों तक निश्चित जप संख्या के साथ और बिना सुरक्षा कवच के साधना बिलकुल न करें |मन्त्र हमने दिया जरुर है यहाँ किन्तु इसे अपने गुरु मुख से या किसी साधक के मुख से प्राप्त कर लें क्योंकि मंत्र उत्किलित नहीं है ,साधक मुख से प्राप्त होने पर यह उत्किलित हो जाएगा और साधना सफल होगी |हमने मंत्र और सामान्य जानकारियाँ दी हैं ,विशेष जानकारिया और सुरक्षा कवच आपको अपने गुरु से प्राप्त करने होंगे |बिना गुरु अनुमति भूल कर भी साधना न करें क्योंकि एक तो बगलामुखी ही उग्र शक्ति हैं दुसरे मन्त्र में प्रयुक्त बीज बेहद तीव्र है अतः गुरु होना आवश्यक है |यह मंत्र और बगलामुखी आपका भाग्य तक बदल सकती है ,और गलती होने पर हानि ऐसी की कोई सुधार नहीं पायेगा अतः जिसे वास्तव में बहुत जरूरत हो और जो कुछ करके कुछ पाना चाहता हो वही इन प्रयोगों को आजमाए |लेख में दी गयी जानकारी वास्तविक ,सही और शास्त्रोक्त है ,केवल परिक्षण के लिए प्रयोग न करें |…………………..हर हर महादेव


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