कब-कब होता है पितृ दोष?
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1. पूर्वजों द्वारा उनकी जिंदगी में जान बूझकर या अनजाने में किए गए बुरे कर्म उनकी आत्माओं को परेशान करते हैं।
2. बच्चों द्वारा जान बूझकर या अनजाने में किए गए बुरे कर्म पूर्वजों की आत्माओं को तकलीफ पहुंचाते हैं।
3. पूर्वजों की अपने बच्चों के लिए कुछ करने की भावना का पूरा न हो पाना।
4. किसी पूर्वज की कम उम्र में अचानक या अप्राकृतिक रूप से मौत हो जाना।
5. अगर कोई पूर्वजों को याद न रखे और उन्हें उचित सम्मान न दे।
6. अगर पूर्वजों को लेकर मन में कुछ इच्छाएं रहें।
7. यदि पिता की तरफ से सातवीं पीढ़ी तक का कोई पूर्वज और माता की तरफ से चौथी पीढ़ी तक का कोई पूर्वज कम उम्र में या फिर अप्राकृतिक रूप से मर जाए।
8. यदि आज की पीढ़ी या आज की पीढ़ी से पहले की पीढ़ी कोई ऐसा काम करे जो खानदान के संस्कारों के विरुद्ध हो ,अंतरजातीय विवाह आदि करे ,अन्य धर्म को मानने लगे ,धर्म विरुद्ध आचरण करें ,पारिवारिक संस्कृति से भिन्न खान -पान और क्रियाकलाप करे |
९. आज की अथवा पिछली पीढ़ी ऐसे किसी शक्ति को पूजने लगे जो नैसर्गिक देवता की श्रेणी में न आता हो अपितु कभी मनुष्य रहा हो और मृत आत्मा स्वरुप हो अर्थात प्रेत आदि की श्रेणी में आता हो |
१०. आज की अथवा पिछली पीढ़ी अपने धर्म के श्रद्धेय से भिन्न किसी अन्य के अन्त्य स्थल अथवा समाधि जैसे मजार ,गिरजाघर ,मस्जिद आदि को पूजने लगे |
११. आज की पीढ़ी अथवा पिछली पीढ़ी अपने धर्म और पूजन परंपरा से भिन्न अन्य धर्म के पूजन परंपरा का पालन करने वाले की शरण में जाय और उनके पूजा अथवा शक्ति का हस्तक्षेप अपनी समस्या निवारण के लिए मांगे |
१२. पूर्व की पीढ़ी में कोई आत्महत्या कर लिया हो अथवा ऐसी स्थिति में अचानक दुर्घटनाग्रस्त हुआ हो जबकि उसकी इच्छाएं अतृप्त हों |…………………………………………………….हर हर महादेव
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