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मंगल और शान्ति के उपाय

मंगल और उसकी शान्ति के उपाय

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.मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी है और ग्रहों में सेनापति है, दशम स्थान का कारक है। इसके शुभ होने पर उच्च राजयोग बनता है, जातक में नेतृत्व क्षमता आती है।पराक्रम-साहस आता है | इसकी प्रतिकूलता होने पर जीवन में पदोन्नति में बाधायें आती हैं और घर में आग लगना, लड़ाई-झगड़ा, अनावश्यक कोर्ट कचहरी के झगड़ों में उलझना, मकान में वास्तु दोष, पराक्रम का अभाव के अतिरिक्त मांसपेशियों के रोग, तीव्र ज्वर, विषम ज्वर, बार-बार एक्सीडेंट, रक्त विकार, फोड़े-फुँसी, होठ फटना, भौतिक विषयों के प्रति तीव्र लालसा होती है। उपरोक्त मंगल के अरिष्ट शांति हेतु श्री वासुपूज्य भगवान का चालीसा करें। श्री नवग्रह शांति चालीसा एवं श्री नवग्रह शांति विधान करके अपना सौभाग्य जगायें। मंगल अशुभ अथवा कमजोर हो तो हनुमान जी की पूजा ,हनुमान चालीसा ,सुन्दरकाण्ड का पाठ ,बजरग बाण लाभदायक होता है |मंगल के कारण विवाह बाधा में मंगल चंडिका स्तोत्र का पाठ लाभ देता है | अति कठिन स्थिति में किसी अच्छे तांत्रिक अथवा जानकार की मदद लेनी चाहिए क्योकि tantra पूजा शीघ्र और अधिक लाभ देती है |मंगल की शान्ति के लिए निम्न उपाय कारगर होते हैं –

१॰ लाल कपड़े में सौंफ बाँधकर अपने शयनकक्ष में रखनी चाहिए।

२॰ ऐसा व्यक्ति जब भी अपना घर बनवाये तो उसे घर में लाल पत्थर अवश्य लगवाना चाहिए।

३॰ बन्धुजनों को मिष्ठान्न का सेवन कराने से भी मंगल शुभ बनता है।

४॰ लाल वस्त्र लिकर उसमें दो मुठ्ठी मसूर की दाल बाँधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करनी चाहिए।

५॰ मंगलवार के दिन हनुमानजी के चरण से सिन्दूर लिकर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए।

६॰ बंदरों को गुड़ और चने खिलाने चाहिए।

७॰ अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या वृक्ष लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए।

मंगल के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु मंगलवार का दिन, मंगल के नक्षत्र (मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा) तथा मंगल की होरा में अधिक शुभ होते हैं।

8. बहते पानी में तिल और गुड़ से बनी रेवाडि़यां प्रवाहित करे. या बरगद के वृक्ष की जड़ में मीठा कच्चा दूध 43 दिन लगातार डालें। उस दूध से भिगी मिट्टी का तिलक लगाएँ। या ८ मंगलवार को बंदरो को भुना हुआ गुड और चने खिलाये , या बड़े भाई बहन के सेवा करे, मंगल के लिए साबुत, मसूर की दाल दान करें

9. प्रत्येक मंगलवार गाय को गुड़ और आटे से बनी रोटी खिलाएं। लाल फूलों की माला बनाकर देवी प्रतिमा को पहनाएं। लाल कनेर के 108 फूलों से मां दुर्गा की पूजा करें। मंगलवार को गुड़हल का पेड़ घर में लगाएं और नियमित रूप से इसकी देखभाल करें। मूंगा रत्न का दान किसी ब्राह्मण को मंगलवार के दिन करना लाभकारी होता है। कुंडली में यदि मांगलिक दोष है तो प्रतिदिन तुलसी के पौधे की पूजा करें, जल चढ़ाएं, मगर बुधवार और रविवार को तुलसी को नहीं छुएं।

10. मंगल के अशुभ होने पर बच्चे जन्म होकर मर जावे, आंख में रोग होवे, बात गठिया रोग दुख देवे, रक्त की कमी या खराबी वाला रोग हो जावे, हर समय क्रैंध आवे, लड़ाइ झगड़ा होवे तब हनुमान जी की आराधना एवं उपवास रखें , तंदूर की मीठी रोटी दान करें , बहते पानी में रेवड़ी व बताशा बहायें, मसूर की दाल दान में देवें ।

11.कार्तिकेय या शिवजी की पूजा करें। कार्तिकेय या शिवजी के स्तोत्र का पाठ करें। मंगल के मंत्र का 10 हजार बार जाप करें

मंत्र : ‘ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:’ मंत्र का जाप करें।

दान-द्रव्य : मूंगा, सोना, तांबा, मसूर, गुड़, घी, लाल कपड़ा, लाल कनेर का फूल, केशर, कस्तूरी, लाल बैल।

मंगलवार का व्रत करना चाहिए। कार्तिकेय पूजन करना चाहिए। रुद्राभिषेक करना चाहिए। 3 मुखी रुद्राक्ष धारण करें।………………………………………….हर-हर महादेव


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