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शुक्र और दोषों का निवारण

शुक्र ग्रह की शुभता-अशुभता और निवारण

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शुक्र ग्रह वृषभ और तुला राशि का स्वामी है। यह संगीत, नृत्य, अभिनय, लेखन, गायन, चित्रकला आदि का मुख्य कारक है। यदि लग्नेश शुक्र भाग्य भवन में बैठ जायें तो जातक को उच्च धर्माधिकारी बनाता है और इसकी प्रतिकूलता तंबाखु, सिगरेट, शराब आदि व्यसनों के आधीन बनाती है। गुर्दा रोग, जलोदर, गुप्त रोग, नजला-जुकाम, कंठ रोग, खुशी में गम आना, प्रोस्टेट कैंसर आदि शुक्र ग्रह की प्रतिकूलता से होते हैं। उपरोक्त प्रतिकूलताओं से बचने के लिए श्री पुष्पदंत भगवान का चालीसा पाठ करें। श्री नवग्रह शांति चालीसा व नवग्रह शांति विधान करके भाग्य को समुन्नत बनायें व कला कौशल बनें।

  जीवन में प्रसन्नता और वैभव की वृद्धि के लिए शुक्र ग्रह को बलवान बनाना आवश्यक है। इसके लिए प्रत्येक शुक्रवार सुगंधित फूलों से महालक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें। इत्र का दान करें एवं सफेद गाय को चावल खिलाएं। सफेद कनेर के पुष्पों की माला तथा कमल के पुष्पों को लक्ष्मीनारायण भगवान को अर्पित करें। सफेद और हल्के रंग वाले फूलों के पौधे घर में लगाएं। आंवले के पेड़ की पूजा करें और प्रत्येक शुक्रवार आंवले की पत्तियां लक्ष्मीजी को चढ़ाएं।

  दानवों के गुरु शुक्र के अशुभ प्रभाव में होने पर अंगूठे का रोग हो जावे, चलते समय अगूंठे को चोट पहुंचे, चर्म रोग होवे, स्वप्न दोष होता हो तो अपने खानें में से गाय को प्रतिदिन कुछ हिस्सा अवश्य देवें, गाय, ज्वांर दान करें, नि:सहाय व्यक्ति का पालन पोषण का जिम्मा लेवें, लक्ष्मी उपासना करें ।

शुक्र ग्रह की शांति के चमत्कारी सिद्ध उपाय : कई बार किसी समय-विशेष में कोई ग्रह अशुभ फल देता है, ऐसे में उसकी शांति आवश्यक होती है। ग्रह शांति के लिए कुछ शास्त्रीय उपाय प्रस्तुत हैं। इनमें से किसी एक को भी करने से अशुभ फलों में कमी आती है और शुभ फलों में वृद्धि होती है।

शुक्र के लिए : समय सूर्योदयकाल।

दुर्गा देवी का पूजन करें। श्रीसूक्त का पाठ करें। देवी की वंदना या दुर्गा चालीसा का पाठ करें। शुक्र के मूल मंत्र का जप सूर्योदयकाल में 16,000 जप 40 दिन में करें।

मंत्र : ‘द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:’।

दान-द्रव्य : हीरा, सोना, चांदी, चावल, मिश्री, दूध, सफेद वस्त्र, सफेद फूल, सुगंधित दही, सफेद घोड़ा, सफेद चंदन।

अरुणोदय काल में शुक्रवार व्रत एवं दुर्गा पूजा करें। छ: मुखी रुद्राक्ष धारण करें|

अन्य उपायों में निम्न उपाय करने से शुक्र पीड़ा से शान्ति मिलती है और शुक्र बलवान होता है |

१॰ काली चींटियों को चीनी खिलानी चाहिए।

२॰ शुक्रवार के दिन सफेद गाय को आटा खिलाना चाहिए।

३॰ किसी काने व्यक्ति को सफेद वस्त्र एवं सफेद मिष्ठान्न का दान करना चाहिए।

४॰ किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए जाते समय १० वर्ष से कम आयु की कन्या का चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेना चाहिए।

५॰ अपने घर में सफेद पत्थर लगवाना चाहिए।

६॰ किसी कन्या के विवाह में कन्यादान का अवसर मिले तो अवश्य स्वीकारना चाहिए।

७॰ शुक्रवार के दिन गौ-दुग्ध से स्नान करना चाहिए।

८.. सफ़ेद गुलाब के फूल शुक्रवार को नदी या कुएं में डालें |

९.. प्रतेक शुक्रवार को तिल जौ व देशी घी मिलाकर हवं करें |

१०. चांदी के गहने पहनें व गले में हाथी का दांत पहने |

११. लक्ष्मी या दुर्गा का पूजन करें |

१२. सफ़ेद गाय को शुक्र वार को रोटी खिलाएं |

१३. शुक्र वार को लाल ज्वार व दही किसी धार्मिक स्थान पर दान करें |

१४. सफ़ेद कांच के बर्तन में चांदी डालकर धूप में रखें व बाद में उसे पी लें | 

१५.सफ़ेद रेशमी वस्त्र दान करें |

१६. चांदी घोड़े का रोज पूजन करें |……………………………………………………………हर-हर महादेव


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