चिंतामणि यन्त्र
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चिंतामणि यन्त्र की रचना दीपावली ,होली ,अक्षय तृतीय अथवा रविपुष्य योग में किया जाता है |निर्माणकर्ता को सात्विक ,पवित्र और आध्यात्मिक शक्ति संपन्न होना आवश्यक है | यह सभी प्रकार की चिंता दूर करने वाला होता है |चिंतामणि यन्त्र भोजपत्र पर अनार की कलम से चन्दन -सिन्दूर से लिखकर माथे पर रखे [बांधे]तो दुश्मन से रक्षा हो, केसर-कस्तूरी से लिखकर पास रखे तो सर्वकामनाओं की सिद्धि हो ,वशीकरण के लिए कोरे कपडे पर लिखकर बत्ती बना जलाकर खिलाया जाता है .|इसे शुभ मुहूर्त में ही निर्मित किया जाता है |यह अनेक कार्य पूर्ण करने वाला यन्त्र है |भोजपत्र पर केशर -कस्तूरी -गोरोचन से निर्मित यन्त्र चाँदी के कवच में धारण करने से सर्व कामनाओं की पूर्ती होती है |यह सुरक्षा के साथ आकर्षक प्रभाव भी उत्पन्न करता है |………………………………………….हर हर महादेव
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