प्रेत बाधा नाशक यन्त्र
===============
इस यन्त्र की रचना दीपावली की रात्री में की जाती है |अपरिहार्य होने पर किसी अमावस्या में भी यन्त्र रचना की जा सकती है |इस यन्त्र को कोरे सफ़ेद कागज़ पर अथवा भोजपत्र पर अनार की लेखनी से अष्टगंध द्वारा लिखकर पूजन और धूप -दीप करके त्रिलौह के कवच में धारण करना चाहिए |इसके साथ ही उसी रात्री घर के दीवार पर भी यह यन्त्र लिखकर धुप दीप देनी चाहिए |
इस यन्त्र के प्रभाव से भूत -प्रेत ,डाकिनी और चुड़ैल आदि की बाधा समाप्त हो जाती है |साथ ही अन्य भौतिक कष्ट भी समाप्त या शांत हो जाते हैं |भय -डर में कमी आती है |राह चलते लगने वाली नकारात्मक उर्जाव या शक्तियों से सुरक्षा होती है |किये कराये -टोने -टोटके -अभिचार से बचाव होता है |रात में प्रभावित करने वाली शक्तियों से सुरक्षा होती है |……………………………………हर हर महादेव
Leave a Reply