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ज्योतिष ,तंत्र ,कुण्डलिनी ,महाविद्या ,पारलौकिक शक्तियां ,उर्जा विज्ञान

व्यापार वृद्धिकारक यन्त्र

व्यापार वृद्धिकारक यन्त्र

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        इस यन्त्र की रचना दीवाली की आधी रात को की जाती है |इसको सिन्दूर या हिंगुल से दीवार पर [दूकान के बाहर ] लिखा जाता है |इसे भोजपत्र पर लिखाकर लटकाया भी जा सकता है अथवा धारण भी किया जा सकता है |दूकान में लटका कर नित्य धूप दीप करते रहना चाहिए |

      भोजपत्र पर यंत्र को पंचगंध से अनार की कलम से लिखना चाहिए |इसके बाद विधिवत पूजन कर दूकान में लगा देना चाहिए |इसे शीशे में फ्रेम भी किया जा सकता है |इसे नित्य धूप दीप दिखाना चाहिए |धारण करने के लिए इसे चांदी के कवच में बंद कर गले या बाजू में धारण किया जाता है | 

यह यन्त्र व्यापार में उत्तरोत्तर वृद्धि देता है |कुदृष्टि से बचाव करता है |सुरक्षा देता है |यदि यह यन्त्र स्त्री के गले या बाजू में धारण करा दिया जाए तो इसके प्रभाव से गर्भ की रक्षा तथा संतान की प्राप्ति होती है |…………………………………………….हर -हर महादेव


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