Alaukik Shaktiyan

ज्योतिष ,तंत्र ,कुण्डलिनी ,महाविद्या ,पारलौकिक शक्तियां ,उर्जा विज्ञान

किया -कराया नष्ट करने की विद्या

किये -कराये को वापस करने की विद्या

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टोना -टोटका ,किया -कराया नष्ट करने की विद्या

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          तंत्र -मंत्र ,टोने टोटके ,तांत्रिक अभिचार ,वशीकरण ,मारण ,मूठ ,कृत्या ,भूत -प्रेत को वापस या नष्ट करने के दो तरीके होते हैं शाबर तंत्र और प्रत्यंगिरा तंत्र |शाबर तंत्र और मन्त्र से केवल शाबर आधारित क्रिया ही नष्ट या वापस हो सकते हैं जबकि प्रत्यंगिरा तंत्र -मंत्र से कैसा भी कोई क्रिया -तंत्र ,भूत -प्रेत ,टोना -टोटका हो नष्ट भी होता है और वापस दुगने वेग से करने वाले पर ही चला जाता है |प्रत्यंगिरा देवी भगवती पार्वती का स्वरुप हैं जिनकी कृपा से समस्त सौभाग्य ,तुष्टि- पुष्टि प्राप्त होती है |भयंकर तूफानों में ,राजद्वार में ,अरिष्ट ग्रहों के अशांत होने पर ,महाविपत्तियों और महाभय के उपस्थित होने पर ,दुर्भिक्ष में ,घने जंगलों में ,शत्रु से घिरे होने पर यह अपने साधक की सभी प्रकार से रक्षा करते हुए उसे अभय प्रदान करती है | शत्रु स्वयमेव नष्ट हो जाते हैं | जो लोग इनकी साधना न कर पायें वह इनका ताबीज /कवच धारण कर लाभ पा सकते हैं |प्रत्यंगिरा विद्या की सबसे बड़ी विशेषता यह है की यदि इसके साधक पर किसी भी शत्रु द्वारा भयंकरतम अभिचार प्रयोग किया गया हो तो यह विद्या उसे नष्ट कर डालती है |विपरीत प्रत्यंगिरा के रूप में यह विद्या शत्रु द्वारा संपादित अभिचार कर्म को दोगुने वेग से प्रयोगकर्ता पर ही वापिस लौटा देती है और वह यदि न सम्भाल पाया तो खुद नष्ट हो जाता है

            भगवती प्रत्यंगिरा की यदि कृपा हो जाय तो व्यक्ति की सार्वभौम उन्नति होती है ,शत्रु पराजित होते है ,सर्वत्र विजय मिलती है ,शत्रु का विनाश होने लगता है ,वायव्य बाधाओं से सुरक्षा होती है ,तांत्रिक क्रियाओं के प्रभाव समाप्त हो जाते है , |किसी भी अभिचार का प्रभाव कम हो जाता है |टोने -टोटके -नजर दोष प्रभावित नहीं कर पाती |वायव्य आत्माओं और बाधाओं का शरीर पर प्रभाव कम हो जाता है अथवा समाप्त हो जाता है ,,यह समस्त प्रभाव यन्त्र धारण से भी प्राप्त होते है |जो लोग शत्रु-विरोधी से परेशान है ,वायवीय बाधाओं से परेशान हो ,नवग्रह पीड़ा से पीड़ित हो |जो लोग बार-बार रोगादि से परेशान हो ,पूर्णिमा -अमावस्या को डिप्रेसन अथवा मन का विचलन होता हो |  जिन्हें अकेले में भय लगता हो अथवा बुरे स्वप्न आते हों ,कभी महसूस हो की कमरे में अथवा साथ में उनके अलावा भी कोई और है किन्तु कोई नजर न आये |कभी लगे कोई छू रहा है अथवा पीड़ित कर रहा है ,कभी कोई आभासी व्यक्ति दिखे अथवा आत्मा परेशान करे |कभी अर्ध स्वप्न में कोई छाती पर बैठ जाए ,लगे कोई गला दबा रहा है |किसी के साथ कोई शारीरिक सम्बन्ध बनाये किन्तु वह दिखाई न दे अथवा स्वप्न या निद्रा में ऐसा हो |बार -बार स्वप्न में कोई स्त्री -पुरुष दिखे जिससे दिक्कत महसूस हो |आय के स्रोतों में उतार-चढ़ाव से परेशान हो ,ऐसा लगता हो की किसी ने कोई अभिचार किया हो सकता है या लगे की कोई अपना या बाहरी अनिष्ट चाहता है तो ऐसे व्यक्तियों को भगवती प्रत्यंगिरा की साधना -आराधना-पूजा करनी चाहिये साथ ही प्रत्यंगिरा ताबीज धारण करना चाहिए |यदि साधना उपासना न कर सकें तो भी कवच अवश्य पहनना चाहिए |………………….हर हर महादेव


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