Alaukik Shaktiyan

ज्योतिष ,तंत्र ,कुण्डलिनी ,महाविद्या ,पारलौकिक शक्तियां ,उर्जा विज्ञान

आपका शरीर कोई भी रोग ठीक कर सकता है

आपका अवचेतन आँखों की रौशनी लौटा सकता है

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        हमने आपकी आतंरिक अलौकिक शक्तियों पर अनेक लेख लिखे हैं जिनमे हमने आपको आपकी क्षमताओं ,शक्तियों और अद्वितीय उर्जा के बारे में बताने का प्रयत्न किया है | हमने तंत्र ,अध्यात्म ,कुंडलिनी ,ज्योतिष ,अवचेतन की आतंरिक शक्तियों का गहन अध्ययन किया है ,समझा ,सोचा ,तर्क किया और वैज्ञानिक कारणों ,सूत्रों को पकड़ने का प्रयास किया है |इस क्रम में ही हमारा यह लेख भी है जिसमे हम बताने का प्रयत्न कर रहे की सारे चमत्कार कुछ अपवादों को छोड़ दें तो आप खुद करते हैं ईश्वर सहायक जरुर होता है किन्तु सीधे वह चमत्कार व्यक्ति विशेष के लिए नहीं करता या तभी करता है जब वह व्यक्ति भी कहीं न कहीं से उससे सम्बन्धित हो |कुछ लोगों के जीवन में अचानक चमत्कार होते हैं किन्तु उनके बीज भी कहीं न कहीं से उनके पूर्व जन्मों अथवा आज के अवचेतन से ही जुड़े होते हैं भले व्यक्ति आज भूला हुआ हो |आज के लेख में हम बताने का प्रयत्न कर रहे की यदि आप चाहें तो आपकी खोई हुई आँखों की रोशनी भी वापस आ सकती है ,आपका लकवा भी ठीक हो सकता है और आपका कैंसर जैसा घातक रोग भी ठीक हो सकता है |

         दुनिया के सबसे मशहूर उपचारक धर्मस्थलों में से एक दक्षिण -पश्चिम फ्रांस का लूर्डेस है |लूर्डेस के चिकित्सा विभाग में बहुत सि फाइलें है ,जिनमे चमत्कारी उपचारों का विस्तृत विवरण है |इनमे से एक मैडम बायर का उपचार था |मैडम बायर नेत्रहीन थी |उनकी चक्षु तंत्रिकाएं क्षीण और बेकार हो चुकी थी |लूर्डेस आने के बाद उनकी आँखों की रौशनी लौट आई |उनकी जांच करने वाले कई डाक्टरों ने प्रमाणित किया की उनकी चक्षु तंत्रिकाएं अब भी बेकार थी ,लेकिन इसके बावजूद वे देख सकती थी |एक महीने बाद दोबारा जांच में यह पाया गया की उनका चक्षु तंत्र दोबारा ठीक होकर सामान्य हो गया था |

क्या यह धर्मस्थल के पानी का चमत्कार था या मैडम बायर के अवचेतन का विश्वास |संभव है धर्मस्थल के पानी में कुछ विशेषता हो पर उनके विश्वास पर अवचेतन मन ने वास्तव में चमत्कार किया |उनका उपचार तो उनके अवचेतन मन ने किया ,जिसने उनके विश्वास पर प्रतिक्रिया दी |उनके अवचेतन मन के भीतर के उपचारक सिद्धांत ने उनके विचार की प्रकृति के अनुरूप प्रतिक्रिया की |विश्वास अवचेतन मन तक पंहुचा विचार है |विश्वास का अर्थ है किसी भी चीज को सच मानना |जिस चीज पर विश्वास हो जाता है ,वह अपने आप हो जाती है |

         निःसंदेह मैडम बायर इस धर्मस्थल पर बड़ी उम्मीद और आस्था के साथ गई थी |वे अपने दिल में जानती थी की वे ठीक हो जायेंगी |उनके अवचेतन मन ने इसी के अनुरूप प्रतिक्रिया की और हमेशा मौजूद उपचारक शक्तियों को सक्रीय कर दिया |अवचेतन मन जिसने आँख बनाई थी ,निश्चित रूप से एक मृत तंत्रिका को दुबारा सजीव कर सकता था |रचनात्मक सिद्धांत ने जिस अंग की रचना की थी ,वह उनकी दोबारा रचना कर सकता था |यह उदाहरण है की आपके विश्वास के अनुरूप ही आपको मिलेगा |

          सामान्य रूप से हम अक्सर देखते हैं की हम किसी डाक्टर के यहाँ जाते हैं तो अगर छोटी मोटी बिमारी हो तो वह डाक्टर की विटामिन की गोली से भी ठीक हो जाती है जबकि हमें पता भी नहीं होता की डाक्टर केवल विटामिन की गोली दे रहा |बच्चे को कोई छोटी तकलीफ हो और आप उसे विटामिन या कैल्सियम की गोली दे कहें की इस दवा से तुम ठीक हो जाओगे तो आपको आश्चर्य होगा की वह सचमुच ठीक हो जाता है |यह विश्वास की शक्ति है जो अवचेतन तक पहुचती है और अवचेतन ठीक कर देता है |अक्सर अधिकतर डाक्टरों की दवा विश्वास पर काम करती है और मरीज की आधी समस्या विश्वास की वजह से ठीक हो जाती है |आपको किसी डाक्टर पर विश्वास न हो और वह बहुत बड़ा ही डाक्टर हो तो भी आपको ठीक होने में बहुत समय लग जाएगा |अनुभव करके देख सकते हैं |आपके मन में प्रबल विश्वास हो की आपको कुछ नहीं हो सकता तो आपको आश्चर्य होगा की आपको बहुत कम समस्याओं का सामना करना पड़ता है |ध्यान अवश्य रखें की विश्वास और अतिविश्वास में अंतर होता है और अतिविश्वास आपको डूबा भी सकता है |……………………………………………….हर-हर महादेव


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