Alaukik Shaktiyan

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गृह बाधा शान्ति कारक शाबर मन्त्र

गृह बाधा शान्ति कारक शाबर मन्त्र
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यह मंत्र जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में साधक की रक्षा करता है कोई भी व्यक्ति इसे सिद्ध करके स्वयं को सुरक्षित कर सकता है जिसने इसे सिद्ध कर लिया हो, ऐसा व्यक्ति कहीं भी जाए, उसको किसी प्रकार की शारीरिक हानि की आशंका नहीं रहेगी केवल आततायी से सुरक्षा ही नहीं, बल्कि रोगव्याधि से मुक्ति दिलाने में भी यह मंत्र अद्भुत प्रभाव दिखाता है इसके अतिरिक्त किसी दूकान या मकान में प्रेतबाधा, तांत्रिकअभिचार प्रयोग, कुदृष्टि आदि कारणों से धनधान्य,व्यवसाय आदि की वृद्धि होकर सदैव हानिकारक स्थिति हो, ऐसी स्थिति में इस मंत्र का प्रयोग करने से उस द्थान के समस्त दोषविघ्न और अभिशाप आदि दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते हैं
मन्त्रः
नमो आदेश गुरु को। ईश्वर वाचा अजपी बजरी बाड़ा, बज्जरी में बज्जरी बाँधा दसौं दुवार छवा और के घालो तो पलट बीर उसी को मारे पहली चौकी गणपति, दूजी चौकी हनुमन्त, तिजी चौकी भैंरो, चौथी चौकी देत रक्षा करन को आवे श्री नरसिंह देवजी शब्द साँचा पिण्ड काँचा, वचन गुरु गोरखनाथ का जुगोही जुग साँचा, फुरै मन्त्र ईशवरी वाचा ।”
विधिः
इस मंत्र को मंत्रोक्त
किसी भी एक देवता के मंदिर में या उसकी प्रतिमा के सम्मुख देवता का पूजन कर २१ दिन तक प्रतिदिन १०८ बार जप कर सिद्ध करें
प्रयोगः
साधक कहीं भी जाए, रात को सोते समय इस मंत्र को पढ़कर अपने आसन के चारों ओर रेखा खींच दे या जल की पतली धारा से रेखा बना ले, फिर उसके भीतर निश्चित होकर बैठे अथवा सोयें
रोग व्याधि में इस मंत्र को पढ़ते हुए रोगी के शरीर पर हाथ फेरा जाए तो मात्र सात बार यह क्रिया करने से ही तत्काल वह व्यक्ति व्याधि से मुक्त हो जाता है
घर में जितने द्वार हो उतनी लोहे की कील लें जितने कमरे हों, प्रति कमरा दस ग्राम के हिसाब से साबुत काले उड़द लें थोड़ासा सिन्दूर तेल या घी में मिलाकर कीलों पर लगा लें कीलों और उड़द पर 7-7 बार अलगअलग मंत्र पढ़कर फूंक मारकर अभिमंत्रित कर लें व्याधिग्रस्त घर के प्रत्येक कमरे या दुकान में जाकर मंत्र पढ़कर उड़द के दाने सब कमरे के चारों कोनों में तथा आँगन में बिखेर दें और द्वार पर कीलें ठोक दें बालक या किसी व्यक्ति को नजर लग जाए, तो उसको सामने बिठाकर मोरपंख या लोहे की छुरी से मंत्र को सात बार पढ़ते हुए रोगी को झाड़ना चाहिए यह क्रिया तीन दिन तक सुबहशाम दोनों समय करें ।……………………………………………….हरहर महादेव


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