अपानवायु मुद्रा ::दिल मजबूत करे ,गैस रिलीज करे
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अक्सर जब दिल का दौरा पड़ता है तब डाक्टर आसपास नहीं होता और डाक्टर तक जाते जाते स्थिति गंभीर होने लगती है ,किन्तु यदि आपको पता हो तो प्राथमिक डाक्टर आप खुद हो सकते हैं ,दवाइयाँ भी आपके पास होती हैं ,डाक्टर होता है आपका ज्ञान और दवाइयां होती हैं आपके हाथों की उँगलियाँ |आपको पता है की आपके हाथों की उँगलियों में पाँचों तत्व अग्नि ,आकाश ,वायु ,पृथ्वी और जल होते हैं और इन्ही के संयोजन से आपका शरीर बना है तो इन्ही के संतुलन से आपके रोग भी सुधर सकते हैं |दिल इनसे अलग नहीं |इन्ही उँगलियों को विशेष प्रकार से मात्र आपस में मिला देने से तत्काल दिल के दौरे में राहत मिलती है |आपस में उँगलियों को मिलाना मुद्रा कहलाता है और इस तरह दिल के दौरे के लिए मुद्रा बनाना अर्थात अँगुलियों को मिलाना मृत संजीवनी मुद्रा कहलाता है |
तर्जनी (अंगूठे के पास वाली) उंगली को अंगूठे की जड़ में लगाकर अंगूठे के अग्रभाग को मध्यमा और अनामिका (बीच की दोनों अंगुलियां) के अगले सिरे से मिला देने से अपानवायु मुद्रा बनती है| इस मुद्रा में कनिष्ठिका अलग से सहज एवं सीधी रहती है| इस मुद्रा का प्रभाव हृदय पर विशेष रूप से पड़ता है| अतः इसे हृदय या मृत संजीवनी मुद्रा भी कहते हैं|सामान्यतया इसे अपां वायु मुद्रा कहते हैं |
अपानवायु मुद्रा में दो मुद्राएं अपान मुद्रा तथा वायु मुद्रा एक साथ की जाती हैं| अतः दोनों मुद्राओं का सम्मिलित और तत्क्षण प्रभाव एक साथ पड़ता है| जैसे पेट की गैस और शारीरिक वायु दोनों का ही शमन होता है| हाथ में सूर्य पर्वत अति विकसित और चंद्र पर्वत अविकसित होने तथा हृदय रेखा दोषपूर्ण होने पर यह मुद्रा १५ मिनट सुबह-शाम करने से लाभ मिलता है|
इसे ह्रदय मुद्रा भी कहते हैं |मुद्रा जिनका दिल कमजोर है, उन्हें इसे प्रतिदिन करना चाहिये । दिलका दौरा पड़ते ही यह मुद्रा करानेपर आराम होता है । पेटमें गैस होनेपर यह उसे निकाल देती है । सिर-दर्द होने तथा दमेकी शिकायत होनेपर लाभ होता है । सीढ़ी चढ़नेसे पाँच-दस मिनट पहले यह मुद्रा करके चढ़े । इससे उच्च रक्तचाप में फायदा होता है ।
सावधानी:- हृदयका दौरा आते ही इस मुद्राका आकस्मिक तौरपर उपयोग करे ।
Apan-Vayu Mudra: This finger position works like an injection in cases of a heart attack. Regular practice is an insurance in preventing heart attacks, tacho-cardia, palpitations, depressions, sinking feeling of the heart. Also known as the Mritsanjivani Mudra for arresting heart attack.……………………………………………………हर-हर महादेव
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