महाकाली यंत्रयुक्त ताबीज
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यदि आपको अपनी पूजा ,उपासना ,साधना के पूर्ण परिणाम पाने हैं तो आपको काली कवच धारण करना चाहिए |यदि आपको नकारात्मक शक्तियों ,भूत -प्रेत ,बाहरी बाधाओं ,घर परिवार में व्याप्त नेगेटिविटी से बचे रहते हुए पूर्ण उन्नति करनी है तो आपको काली जी का ताबीज धारण करना चाहिए |यदि आपको किसी बाहरी या अपने नजदीकी व्यक्ति द्वारा टोने -टोटके ,तांत्रिक अभिचार ,किये -कराये से या किसी तांत्रिक द्वारा क्रियाओं का भय हो तो आपको काली जी का यन्त्र कवच में धारण करना चाहिए |यदि आपको भाग्यावारोध का सामना करना पड़ रहा हो ,बनते काम बिगड़ते हों ,अपयश ,असफलता मिल रही हो ,किसी भी प्रकार की नेगेटिविटी ने परेशान कर रखा हो तो आपको काली यन्त्र युक्त ताबीज कवच धारण करना चाहिए |
महाकाली कवच अर्थात ताबीज में महाकाली यंत्र को भोजपत्र पर अंकित करके प्राण प्रतिष्ठित अभिमंत्रित करते हुए काली जी से सम्बंधित विभिन्न वस्तुओं के साथ भरा जाता है |महाकाली यन्त्र माता काली का निवास माना जाता है जिसमे वह अपने अंग विद्याओ ,शक्तियों ,देवों के साथ निवास करती है ,अतः यन्त्र के साथ इन सबका जुड़ाव और सानिध्य प्राप्त होता है ,धारण हेतु भोजपत्र के यन्त्र को धातु के खोल में बंदकर उपयोग करते है ,,जब व्यक्ति स्वयं साधना करने में सक्षम न हो तो यन्त्र धारण मात्र से उसे समस्त लाभ प्राप्त हो सकते है ,..
… जो लोग शत्रु-विरोधी से परेशान है ,अधिकारी वर्ग से परेशान है ,वायवीय बाधाओं से परेशान हो ,नवग्रह पीड़ा से पीड़ित हो ,,जिनके कार्य क्षेत्र में खतरे की संभावना हो ,दुर्घटना की संभावना अधिक हो |स्थायित्व का अभाव हो ,बार बार स्थानान्तरण से परेशान हों ,थक से कार्य न कर पाते हों ,ऊर्जा -उत्साह -शक्ति की कमी हो ,जिन्हें बहुत लोगों को नियंत्रित करना हो उनके लिए यह बहुत उपयोगी है |जो लोग बार-बार रोगादि से परेशान हो ,असाध्य और लंबी बीमारी से पीड़ित हो अथवा बीमारी हो किन्तु स्पष्ट कारण न पता हो |कोई अंग ठीक से कार्य न करता हो |स्वास्थ्य कमजोर हो |नपुंसकता हो अथवा स्त्रियों में स्त्री जन्य समस्या हो ,डिम्भ बन्ने में समस्या हो ,कमर -जाँघों -हड्डियों की समस्या हो ,मोटापे से परेशान हों ,आलस्य हो ,कहीं मन न लगता हो ,चिंता ,तनाव ,डिप्रेसन हो ,पूर्णिमा -अमावस्या को डिप्रेसन अथवा मन का विचलन होता हो उन्हें काली यन्त्र युक्त ताबीज धारण करना चाहिए |
जिन्हें हमेशा बुरा होने की आशंका बनी रहती हो ,खुद अथवा परिवार के अनिष्ट की सम्भावना लगती हो ,अकेले में भय लगता हो अथवा बुरे स्वप्न आते हों ,कभी महसूस हो की कमरे में अथवा साथ में उनके अलावा भी कोई और है किन्तु कोई नजर न आये |कभी लगे कोई छू रहा है अथवा पीड़ित कर रहा है ,कभी कोई आभासी व्यक्ति दिखे अथवा आत्मा परेशान करे |कभी अर्ध स्वप्न में कोई छाती पर बैठ जाए ,लगे कोई गला दबा रहा है |किसी के साथ कोई शारीरिक सम्बन्ध बनाये किन्तु वह दिखाई न दे अथवा स्वप्न या निद्रा में ऐसा हो |बार -बार स्वप्न में कोई स्त्री -पुरुष दिखे जिससे दिक्कत महसूस हो |आय के स्रोतों में उतार-चढ़ाव से परेशान हो ,ऐसा लगता हो की किसी ने कोई अभिचार किया हो सकता है या लगे की कोई अपना या बाहरी अनिष्ट चाहता है तो ऐसे व्यक्तियों को भगवती काली की साधना -आराधना-पूजा करनी चाहिए साथ ही सिद्ध साधक से बनवाकर काली यंत्र चांदी के ताबीज में धारण करना चाहिए |यदि साधना उपासना न कर सकें तो भी कवच अवश्य पहनना चाहिए |
यदि आप में हीनभावना है ,आलस्य है ,चंचलता की कमी है दब्बू स्वभाव है ,हर कोई आपको दबाना चाहता है ,काम क्षमता में कमी है ,पौरुष में कमी है ,शुक्राणु में कमी हो ,यौन सुख पूर्ण प्राप्त न कर सके ,स्तम्भन का अभाव हो ,खुद को किसी के सामने व्यक्त नहीं कर पाते ,किसी के सामने बात करने में हिचकिचाते हैं ,शारीरिक कमजोरी है अथवा अधिक मोटापा है |स्त्रियों में मासिक गड़बड़ी रहती है ,मूत्र रोग ,बार बार इन्फ़ेक्सन आदि यौनांग में होते हैं ,यौनेच्छा में कमी रहती है ,कभी यौनेच्छा की अति हो ,डिम्भ आदि की समस्या आती हो ,बंध्यापन हो ,रक्ताल्पता हो या अधिक रक्त बहता हो ,अतिरज मासिक हो ,तनाव ,हिस्टीरिया ,पागलपन ,मानसिक बाधाएं हों ,फोबिया ,भूत प्रेत की बाधाएं हों ,चिंता ,अनहोनी की आशंका हो ,भय महसूस हो ,प्रलाप करे ,कभी कभी हिंसक प्रवृत्ति जागे और कभी कायरता अथवा हींन भावना ,कमर में दर्द हो ,कमर की हड्डी में आवाज आये ,जाँघों और नसों की समस्या उतपन्न हो ,कमर का हिस्सा अधिक मोटा हो जाए जबकि जांघ और पैर पतले हों ,आलस्य रहे ,पसीने की गंध तेज हो ,कभी अकेले में महसूस हो की कोई और है कमरे में या साथ में पर कुछ दिखे नहीं ।कभी सोये हुए में किसी अदृश्य की अनुभूति हो या स्पर्श लगे तो समझें कि मूलाधार विकृत है अथवा कमजोर है ।भगवती काली रुष्ट हैं ,उनकी ऊर्जा की कमी है ।कुंडली में शनि + शुक्र + बुद्ध की स्थिति अच्छी नहीं अथवा वह समस्या उतपन्न कर रहा।इस स्थिति में काली का यन्त्र धारण करना लाभदायक होता है |यन्त्र में उसे बनाने वाले साधक का मानसिक बल ,उसकी शक्ति से अवतरित और प्रतिष्ठित भगवती की पारलौकिक शक्ति होती है जो वह सम्पूर्ण प्रभाव प्रदान करती है |काली कवच को कोई भी धारण कर सकता है ,बच्चा हो या बूढा ,स्त्री हो या पुरुष |अन्य शक्तियों के कवच धारण में बहुत से परहेज और सावधानी होती है किन्तु काली जी के कवच में किसी परहेज की आवश्यकता नहीं होती अतः कोई भी इसे धारण कर लाभ उठा सकता है |……………………………..हर-हर महादेव
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