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मांगलिक दोष का निवारण

मांगलिक/कुजा/मंगल दोष 

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भारतीय ज्योतिषियों के मुताबिक, मांगलिक दोष कुंडली में तब उत्पन्न होता है जब मंगल ग्रह 1, 4, 7, 8 या 12 घर में बैठा हो। इनमें से किसी भी घर में यदि मंगल मौजूद हो, तो मांगलिक या कुजा दोष कुंडली में आ जाता है। कुछ ज्योतिष इसके दूसरे घर में मौजूद होने से भी इन दोषों के होने की संभावना जताते हैं। मांगलिक दोष को लेकर लोगों के दिमाग में एक बहुत बड़ी गलतफहमी होती है कि यह दोष व्यक्ति के पार्टनर की मृत्यु का कारण बनता है। ऐसा हर किसी के साथ नहीं होता। ऐसा केवल तब होता है, जब किसी की कुंडली में ग्रहों का खराब समूह मौजूद हो। वैदिक ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, यदि मंगल अपने खुद के घर में बैठा हो, तो मांगलिक दोष नहीं होता। अगर 9वें घर में कोई मजबूत और लाभ पहुंचाने वाला ग्रह हो, तो वह 7वें या 8वें घर में मौजूद मंगल के दुष्प्रभाव को खत्म कर देता है।

मांगलिक दोष का निवारण 

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– रोजाना हनुमान चालीसा का जाप करें। यह मांगलिक दोष का सबसे अच्छा निवारण है। 

–  हिन्दू महीने के शुक्ल पक्ष के दिनों में आने वाले हर मंगलवार को उपवास रखें। 

– तुलसी रामचरितमानस के सुंदर कांड का 40 दिनों तक पाठ करें। 

– दिन में 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें। 

– हनुमान भगवान के मंत्र ‘ओउम श्री हनुमते नमः’ का रोजाना जाप करने से और हर मंगलवार को हनुमान मंदिर जाकर प्रभु के दर्शन करने से साधक को लाभ होता है। मंदिर में हनुमान जी के आगे दीया जलाकर, मीठे का भोग लगाकर उस प्रसाद को लोगों में बांटना चाहिए। 

– लाल कपड़ा दान करके भी मंगल दोष को खत्म किया जा सकता है। कोशिश करें कि यह आप उन लोगों को दान करें, जो धारदार लोहे की चीजों से काम करते हैं। 

– किसी ज्योतिष से संपर्क कर हनुमान साधना करने पर विचार करें। इस अराधना में त्रिकोणीय मंगल यंत्र और मंगल स्तोत्र का होना आवश्यक होता है। यह मंगल ग्रह के लिए एक विशिष्ट प्रार्थना होती है। ……………………………………………..हर हर महादेव


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