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शनि दोष दूर करे आकाश मुद्रा

ह्रदय स्वस्थ रखे ,शनि दोष दूर करे -आकाश मुद्रा 

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मध्यमा (सबसे बड़ी उंगली) को अंगूठे के अग्रभाग से मिलाने पर आकाश मुद्रा बन जाती है| बाकी अंगुलियां सहज-सीधी रखनी चाहिए| इस मुद्रा को करने से शरीर में आकाश तत्व में वृद्धि होती है| मध्यमा उगली का हृदय के साथ खास संबंध है, अतः यह मुद्रा हृदय के लिए लाभदायक है| आपने देखा होगा कि अधिकांश जप-क्रिया या माला फेरने में मध्यमा उंगली का उपयोग किया जाता है|

भौतिक सुखों जैसे- द्रव्य प्राप्ति, संतान प्राप्ति, परिवार शांति आदि के लिए माला अंगूठे पर रखकर मध्यमा उंगली से फेरने का विधान है जबकि मोक्ष हेतु अनामिका अंगुली से और बैर-क्लेश आदि के नाश के लिए तर्जनी उंगली से माला फेरना उचित है| माला को सदैव दाहिने हाथ के अंगूठे पर रख हृदय के पास स्पर्श करते हुए फेरना चाहिए| साथ ही ध्यान रखें कि माला के मणियों को फिराते समय उनके नख न लगें और सुमेरू का उल्लंघन न हो, अन्यथा लाभ कम होता है| इसके अतिरिक्त ये भी नियम हैं कि माला साफ, समान व पूरे १०८ मणियों तथा सुंदर सुमेरूवाली हो| शुभ कार्यों के लिए सफेद माला व कष्ट निवारण के लिए लाल माला का प्रयोग प्रायः किया जाता है|

माला की तरह प्रणाम करने का विधान भी अर्थपूर्ण है| प्रणाम करने के लिए अपने बाएं हाथ से पूजनीय व्यक्ति के बाएं पैर को और दाएं हाथ से उसके दाएं पैर को छूते हुए प्रणाम करना चाहिए अर्थात् हमें हाथों को क्रॉस बनाते हुए गुरुजनों को प्रणाम करना चाहिए| इससे व्यक्ति का हमारे सीधे हाथ से सीधा पैर और उलटे हाथ से उलटा पैर ही स्पर्श होगा| इस प्रकार पूजनीय व्यक्ति के शरीर से निकलनेवाला विद्युत प्रवाह (ऋणात्मक और धनात्मक) या तेज का प्रभाव चरण स्पर्श करनेवाले के लिए कल्याणकारी सिद्ध होगा|

  हस्तरेखा विज्ञान की दृष्टि से शनि ग्रह से सम्बंध रखनेवाले रोगों में यह मुद्रा लाभप्रद सिद्ध होगी जबकि जन्मकुंडली में शनि नीच का हो| यदि जम्भाई लेते या उबासी लेते हुए अचानक जबड़ा फंस जाए और मुख बंद न हो अंगूठे को मध्यमा उंगली के साथ रगड़ने या चुटकी बजाने से फंसा हुआ जबड़ा तत्काल खुल जाता है| यही कारण है कि बहुत से लोग उबासी लेते हुए (कारण न जानते हुए भी) मध्यमा और अंगूठे को मुंह के पास ले जाकर चुटकी बजाते हैं| यह मुद्रा हृदय रोगों में भी लाभकारी है|

आकाशमुद्रा से कान के सब प्रकार के रोग जैसे बहरापन आदि ,हड्डियों के रोग ,हड्ड्यों की कमजोरी ,ह्रदय रोग ठीक होता है |

सावधानी – भोजन करते समय एवं चलते फिरते समय यह मुद्रा न करें |हाथों को सीधा रखें |लाभ हो जाने तक ही करें |.

Aakash Mudra: Helps to remove weakness of bones, hearing deficiency. 

Caution: This Mudra should not be done while walking

……………………………………………………हर-हर महादेव


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