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शाम्भवी प्रयोग

कैसे पता करें अपने घर में नकारात्मक ऊर्जा अथवा तंत्र प्रयोग है की नहीं

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 (शाम्भवी प्रयोग)

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       बहुत से लोगो को शंका होती है उनके घरों में भुत प्रेत या फिर किसी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा है,जिन्हें अपने घर में किसी साये की मौजूदगी का एहसास होता है या अकेले होने पर लगता है कि उनके पीछे कोई खड़ा है या फिर गुणी जनो द्वारा ऐसा बताया जाता है ।घर परिवार में अनावश्यक खर्च ,दुर्घटनाएं ,बीमारियाँ आदि हों और वह किसी योग्य जानकार तांत्रिक को घर न दिखा पा रहे हों वह इस प्रयोग से स्वयं अपने घर में बाहरी अथवा भीतरी नकारात्मक ऊर्जा या शक्ति अथवा किसी द्वारा किया गया टोना -टोटका ,अभिचार ,किया कराया का पता लगा सकते हैं |उपरोक्त लक्ष्ण न होने पर भी कोई भी घर में नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव या उपस्थिति का पता लगाने के लिए यह प्रयोग कर सकता है |जिन्हें भी कुछ संका हो वह इस प्रयोग को करके देखें |

          इस प्रयोग में माँ शाम्भवी की शक्ति के आह्वान से नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव का पता लगाया जाता है और यह पूर्ण तांत्रिक प्रयोग है |माँ शाम्भवी :- माँ शाम्भवी भगवान शिव की मूल शक्ति हैं, वही शिवा हैं, माहेश्वरी हैं आदि शक्ति हैं ।इस प्रयोग को अमावस्या को किया जाता है |इस प्रक्रिया में सर्वप्रथम स्नानादि से निवृत्त हो सुबह अपने दैनिक पूजन के बाद इस विधि को करें |इसमें पहले आदि शक्ति माँ शाम्भवी का हाथ जोडकर ध्यान करना है |उनके स्वरुप का ध्यान करते हुए इन्हें नमन करें |

माँ का स्वरुप और ध्यान —  (आपकी सरलता के लिए हिंदी में)

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जो वृषभ वाहन पर आरूढ़ होती हैं, जिनका मुख कमल तीन नेत्रों से सुशोभित है, जिनके मस्तक पर दूज का चन्द्र शोभायमान है। जो अपनी चार भुजाओं में त्रिशूल, डमरू, कमंडल और वरमुद्रा धारण किये हैं। जीर्ण को नवीन करने वाली, जड़ को चेतन् करने वाली, मूर्छित को चेतना देने वाली, मृत्यु को जीवन में बदलने वाली ऐसी माँ शाम्भवी के श्री चरणों में मैं नमन करता हूँ।

   विधि

—————–*एक श्रीफल (नारियल) ले लीजिए और उसे दोनों हाथों में रख लीजिए जोर से नहीं पकड़ना है दोनों हाथों की अंजुली जैसा बनाये और उस पर नारियल हो |उसके बाद अपने साधारण शब्दो में शांभवी शक्ति का आह्वान उस नारियल में करे.और .तीन बार इन शब्दों को दोहरायें..” हे शांभवी शक्ति इस श्रीफल में मै (अमुक) आपका आव्हान करता हु ” ऐसा तीन बार बोलने के बाद माँ शांभवी का आँख बंद कर ध्यान करते हुए कल्पना करें की भगवती आपके सामने प्रकट हो उस नारियल में प्रवेश कर रही हैं |अब आप माँ शाम्भवी से प्रार्थना करे की हे माँ शाम्भवी ,जगत जननी मेरे घर में जो भी नकारात्मक ऊर्जा शक्ति है उसे जानने में संकेत देकर मेरी सहायता करे.|.अब नारियल हाथो में इसी प्रकार रखे हुए पूरे घर का चक्कर लगाए एक भी कोना ना छोड़े..|. यदि आपके घर में ऐसी कोई भी नकारात्मक शक्ति होगी तो नारियल में हलचल हो जायेगी कई बार नारियल हाथो में खड़ा भी हो जाता है.|.ऐसा कभी -कभी ही होता है जबकि घर में कई तरह की नकारात्मक शक्तियाँ हों और कई तरह की परेशानियां हों |सामान्य अथवा कम नकारात्मक प्रभावों में ऐसा नहीं होता |नारियल में हलचल होने पर भी आप घबराए नहीं आपको या आपके परिवार को कुछ भी नहीं होगा.|.प्रमाण मिल जाने पर नारियल जल प्रवाह कर दे |नारियल में हलचल न हो तब भी उसका जल प्रवाह कर दें |अब दूसरी अमावस्या को निम्न प्रयोग करें |

             यदि आपके नारियल में हलचल नहीं होती तो भी नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव आपके घर में न हो यह जरुरी नहीं |यदि आपको ऐसा लगता है कि आपके घर, दुकान , व्यावसायिक प्रतिष्ठान पर किसी व्यक्ति ने कोई जादू टोना, टोटका या तंत्र प्रयोग किया है अथवा आपके घर में कहीं की कोई नकारात्मक ऊर्जा है और इस कारण से आप विभिन्न व्याधियों से घिरे हैं या दुखी है तो निम्न प्रयोग करें।

           अमावस्या के दिन एक सफेद कपड़े पर सवा मुट्ठी चावल और पानी वाला जटा नारियल और सफेद या पीले रंग के 5 फूल लेकर अपने सामने रखें |पानी वाले नारियल में उपरोक्त प्रकार ही शाम्भवी शक्ति का आह्वान कर चावल और फूलों के साथ एक पोटली बना लें,| इसे लेकर पूरे घर में घूमें, प्रत्येक कमरे, रसोई, स्टोर, मुख्य द्वार इत्यादि में और फिर घर के बीचों -बीच की जगह पर किसी दीवार पर ये पोटली लटका दें। अब ये पोटली यूँ ही पूर्णिमा तक लटकी रहने दें। पूर्णिमा के अगले दिन पोटली उतार कर देखें। यदि पोटली वैसी की वैसी ही है यानि नारियल और चावल सुरक्षित हैं तो आपके घर में कोई भी ऐसा अनिष्ट प्रयोग नहीं हुआ है अथवा किसी नकारात्मक ऊर्जा का गंभीर प्रभाव नहीं है | सिर्फ फूल सूख जायेंगे इन्हें लक्षण न मानें | किंतु यदि चावलों में बारीक़ कीड़े हो गए हैं, या बदबू आ रही हो या नारियल सड़ने लगा हो तो इसका अर्थ है कि कुछ समस्या अवश्य है। अपनी पोटली का आंकलन विश्लेषण कर उसे कहीं नदी या तालाब में प्रवाहित कर दें।

              जैसे लक्षण मिले उसके अनुसार किसी उत्तम जानकार से अपनी समस्या का निवारण -निराकरण कराएँ।यदि कोई खराब लक्षण न मिलें और समस्या हो तब आप सामान्यतया ज्योतिषी से सम्पर्क करें और वास्तु दोष आदि का आकलन कराएं |उपरोक्त प्रक्रिया बाहरी बाधाओं और तांत्रिक अभिचारों हेतु कारगर है किन्तु घर के पित्र ,कुलदेवता /देवी दोष में यह प्रभावी हो जरुरी नहीं |यह प्रक्रिया सामान्य जन के लिए है जिस कारण इसमें मन्त्र आदि का प्रयोग नहीं किया गया है तथा यह सामान्य नकारात्मक प्रभावों को जानने के लिए है ताकि सुरक्षित पता भी लगे और कोई प्रतिक्रिया भी न हो ताकि कोई हानि हो सके |उच्च स्तर की शक्तियाँ इस प्रक्रिया में प्रभाव नहीं भी दे सकती हैं और घर में उपस्थित भी हो सकती हैं |इनका आकलन तो योग्य तांत्रिक ही कर सकता है |…………………………………………हर -हर महादेव


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