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चमत्कारी डिब्बी से सर्वजन वशीकरण

दिव्य गुटिका पर सर्वजन वशीकरण प्रयोग

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       आज के वीडियो में हम एक विशेष वशीकरण और मोहन प्रयोग दे रहे ,जिसको सिद्ध करके कोई व्यक्ति किन्ही दो लोगों के बीच वशीकरण ,मोहन और आकर्षण उत्पन्न करवा सकता है |कोई व्यक्ति खुद से किसी को जोड़ सकता है ,खुद के प्रति तो किसी को वशीभूत ,मोहित कर ही सकता है ,यदि चाहे तो दो लोगों के बीच भी प्रेम उत्पन्न करा सकता है ,दो लोगों में से किसी को भी किसी दुसरे के प्रति आकर्षित और वशीभूत कर सकता है |यह प्रयोग कोई साधक भी कर सकता है जो दूसरों के लिए वशीकरण की क्रियाएं करता हो और कोई सामान्य व्यक्ति भी कर सकता है जो किसी को अपने अनुकूल करना चाहे |इस प्रयोग से सर्वजन अथवा जगत का भी वशीकरण होता है बस अमुक के स्थान पर शब्द विशेष जोड़ देना होता है |इस मंत्र प्रयोग से अधिकारी या कर्मचारी या मित्र या सम्बन्धी या सास या ससुर या किसी भी रिश्तेदार को तो वशीभूत किया ही जा सकता है ,प्रेमी ,प्रेमिका ,पति पत्नी के लिए यह और भी अधिक लाभप्रद है |

सामग्री

———- कांसे का पात्र ,दूध का बना प्रसाद ,तेल का दीपक घी का दीपक ,सिन्दूर ,कपूर ,धुप ,मंत्र सिद्ध चैतन्य दिव्य गुटिका ,लाल हकीक माला ,लाल रंग की धोती ,लाल रंग का आसन ,लाल कपडा ,गुरु अथवा शिव अथवा गणपति का चित्र |

दिशा -दिन -संख्या और अवधि

————————————– मंगलवार की रात्री का समय ,पश्चिम दिशा ,एक हजार अर्थात दस माला प्रतिदिन के हिसाब से २१ दिन में २१ हजार जप |

मन्त्र

——- ॐ नमो आदेश गुरु को ,राजा प्रजा मोहूँ, ब्राह्मण बनिया मोहूँ ,आकाश पाताल मोहूँ ,दस दिशाएँ मोहूँ ,जो रामचंद्र परमणिया अमुक को अमुक से मोहे ,गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा |

प्रयोग विधि

————– किसी भी मंगलवार को रात्रिकाल में स्नानादि से निवृत्त हो लाल धोती धारण कर लाल ऊनि आसन पर पश्चिम दिशा की ओर मुख कर बैठें |सामने बाजोट या चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उसपर मंत्र सिद्ध चैतन्य दिव्य गुटिका स्थापित करें जिसमें हत्था जोड़ी ,सियार सिंगी जैसी प्रबल वशीकारक और आकर्षण उत्पन्न करने वाली वस्तुओं के साथ २३ अन्य तांत्रिक वस्तुएं भी होती हैं |इसके पीछे भगवान् राम का चित्र रखें |फिर इसकी विधिवत पूजन करें ,केसर का तिलक करें ,सिन्दूर चढ़ाएं ,धुप लगाएं ,दूध का बना प्रसाद चढ़ाएं ,घी और तेल का दीपक जलाएं, फिर उपरोक्त मंत्र का लाल हकीक की माला से जप करें |मंत्र जप के समय भावना रहे की गुटिका में वशिकारक प्रभाव आता जा रहा है ,बढ़ता जा रहा है |एकाग्रता बनी रहे इस बात का विशेष ध्यान दें |आसन के चारो ओर सिन्दूर -कपूर और लौंग को पीसकर कर घेरा बनाए रखें जिससे वातावरण की अन्य शक्तियों का विघ्न न आ सके |किसी शक्ति के अचानक अथवा बिना बुलाये आने पर उसे वचन बढ करके ही बात करें ,उसके प्रलोभन में न आयें और साधना न छोड़ें |२१ दिन तक प्रतिदिन दस माला जप करने पर गुटिका और यह मंत्र सिद्ध हो जाते हैं और इनमे वशिकारक प्रभाव आ जाता है |

        जब मंत्र सिद्ध हो जाए तो आवश्यकतानुसार श्री राम चन्द्र जी का ध्यान करते हुए ,चौराहे की धूल चुटकी भर लेकर ,अपने दाहिने हाथ में रखकर इस मन्त्र का १०८ बार उच्चारण करें ,उच्चारण करते समय अमुक के स्थान पर उन नामों का उच्चारण करें जिन्हें परस्पर वशीभूत करना हो |फिर वह चुटकी भर धुल जिसे वशीभूत करना हो उसके सर पर डाल देने पर व्यक्ति डालने वाले के प्रति अनुकूल होने लगता है |

       इस प्रयोग की खासियत यह है की साधक स्वयं अलग रहकर अन्य दो अलग अलग व्यक्तियों को आपस में वशीभूत कर सकता है ,बस उसके पास वशिकारक चमत्कारी डिब्बी दिव्य गुटिका होनी चाहिए जिसके सामने वह धुल अभिमंत्रित कर सके |सर्वजन वशीकरण का यह विचित्र प्रयोग है |.दिव्य गुटिका क्या है यह जानने के लिए पढ़ें -चमत्कारी डिब्बी क्या है ?……………………………………………………………हर-हर महादेव


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