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काला जादू कैसे किया जाता है ?

काले जादू के सूत्र

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काला जादू मुख्य रूप से नकारात्मक ऊर्जा का एक माध्यम से दूसरे माध्यम में स्थानांतरण है जो की मानसिक एकाग्रता और बुरे विचारो पर काम करता है। काले जादू के लिए कर्ता को खुद ऊर्जा को धारण करना होता है। इसलिए काला जादू जितना दुसरो के लिए हानिकारक है उतना ही खुद कर्ता के लिए। काला जादू तभी काम कर सकता है जब कर्ता पूरी तरह से नकारात्मक प्रवृति को अपना लेता है। इसके लिए वो हर उस काम का त्याग करता है जो हमें सात्विक बनाता है। काले जादू की नकारात्मक ऊर्जा ,मानसिक ऊर्जा में बदल कर माध्यम के ऊर्जा क्षेत्र पर दबाव बनाती है.     

                         असल में जब 2 ऊर्जा का आपस में टकराव होता है तो जो ज्यादा एकाग्रता से अपना दबाव बनाती है वही दूसरे पर हावी होती है। जब काले जादू की नकारात्मक ऊर्जा माध्यम पर अपना असर डालने लगती है तो शुरुआत में माध्यम अपने आसपास उस ऊर्जा को महसूस करने लगता हैं क्यों की मानसिक ऊर्जा हमारे आज्ञाचक्र को अपने कंट्रोल में लेने की कोशिश करती है।आज्ञा चक्र पर प्रभाव के बाद उस चक्र पर इसका असर होता है जिसे लक्ष्य किया गया होता है ,जिससे सम्बंधित अंग की जीवनी ऊर्जा कम या समाप्त होने लगती है जिससे उसकी क्रियाशीलता कम होने लगती है |ऐसे में हम खुद की ऊर्जा में अथवा सम्बंधित अंग की शक्ति या ऊर्जा में गिरावट महसूस कर सकते है। यदि लक्ष्य जीवनदायी अंगों जैसे ह्रदय ,मष्तिष्क आदि पर हुआ तो व्यक्ति के प्राण संकट में आ जाते हैं |

        अगर काला जादू निम्न स्तर का होता है तो घर के मंदिर में रखा हुआ कलावा, नाळ हाथो में बांध लिया जाए तो ऊर्जा का नियत्रण होने लगता है।किन्तु यदि यह उच्च स्तर का अथवा उच्च स्तर के साधक द्वारा किया गया हो तो यह केवल खुद उच्च स्तर की शक्ति रखने पर ही नियंत्रित की जा सकती है ,जो की सामान्य लोगों के लिए संभव नहीं | जैसे जैसे नकारात्मक ऊर्जा हम पर हावी होने लगती है वैसे वैसे हम खुद को अकेला महसूस करने लगते है उस नकारात्मक ऊर्जा की मात्रा जितनी ज्यादा होती है ऊर्जा साकार होने की संभावना  उतनी ही बढ़ जाती है। जिसका मतलब है हमें प्रत्यक्ष रूप से ऊर्जा शरीर या आकृति दिखने लगती है अथवा यदि यह आत्मिक उर्जा न हुई तो अंग काम करना बंद करने लगते हैं |अक्सर ऐसे समय वैज्ञानिक अथवा चिकित्सकीय रूप से कोई समस्या शरीर के साथ नहीं होती फिर भी स्वास्थय गिरता जाता है अथवा व्यक्ति काल के गाल में समा जाता है ,अथवा किसी अंग से विकृत हो जाता है |


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