Alaukik Shaktiyan

ज्योतिष ,तंत्र ,कुण्डलिनी ,महाविद्या ,पारलौकिक शक्तियां ,उर्जा विज्ञान

समस्या अनेक ,निदान एक चमत्कारी डिब्बी

पित्र दोष ,कुलदेवता दोष ,नकारात्मक ऊर्जा कष्ट और ग्रह दोष एक साथ समाप्त हो

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      वर्षों वर्ष लोगों की समस्याएं देखते हुए ,उनका पारंपरिक ज्योतिषीय और तांत्रिक निदान बताते हुए हमेशा से हमारे दिमाग में एक बात उभरती रही की ऐसा कुछ हो जो लोगों की सभी समस्याओं का निदान कर सके |भिन्न भिन्न समस्याओं के लिए लोगों को अलग अलग देवी -देवता न पूजने पड़ें ,अलग अलग उपचार और उपाय समय -समय पर न करने पड़ें ,किसी समया के लिए बार -बार तांत्रिक ,पंडित को न खोजना पड़े |कुछ ऐसा हो जो प्रबल शक्तिशाली हो जो तीब्र शक्ति उत्पन्न करे और जो कहीं भी कभी भी ले आया ले जाया जा सके |जो साथ में भी रखा जा सके और जिसे मन्दिर में भी स्थापित किया जा सके |कुछ ऐसा मिले जिससे उत्पन्न ऊर्जा महाशक्तियों का प्रतिनिधित्व करे |जो जीवन की ग्रहों से उत्पन्न समस्याओं से लेकर भूत -प्रेत -अभिचार तक की मानवीय समस्याओं तक का निदान करने में सक्षम हो |इस हेतु हम लगातार कई वर्षों तक खोज करते रहे और तंत्र की दुर्लभ वस्तुओं के एकल और सामूहिक प्रयोग करते रहे ,उनके परिणाम देखते रहे |कई वर्ष के खोज पर हमने विभिन्न तांत्रिक विशिष्ट वस्तुओं ,दुर्लभ तांत्रिक वनस्पतियों ,जड़ी -बूटियों को क्रमशः समय समय पर उनके लिए निर्दिष्ट विशिष्ट समय -नक्षत्र -मुहूर्त में निष्कासित ,प्राण प्रतिष्ठित किया |इसके बाद इन्हें एक साथ मिलाकर एक डिब्बी में एकत्रकर महाविद्या काली के मन्त्रों से अभिमंत्रित किया |निर्मित डिब्बी/गुटिका को हमने चमत्कारी दिव्य गुटिका /डिब्बी नाम दिया ,क्योंकि इससे उत्पन्न ऊर्जा दिव्य ,शक्तिशाली ,चमत्कार करने वाली और जीवन में प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित करने वाली हुई |

          हमारे पास आने वाले अधिकतर लोगों की समस्याएं घर -परिवार -व्यक्ति को प्रभावित कर रही विभिन्न प्रकार की नकारात्मक शक्तियों से सम्बन्धित होती हैं ,जिनमे ग्रहों से उत्पन्न नकारात्मक प्रभाव ,वायव्य अथवा भूत -प्रेत के प्रभाव ,स्थान दोष ,जमीन -मकान के नीचे दबे नकारात्मक शक्ति के प्रभाव ,ब्रहम -सती -जिन्न -खबीस आदि स उत्पन्न पीड़ा ,कुलदेवता /देवी की रुष्टता अथवा अनुपस्थिति से उत्पन्न नकारात्मक प्रभाव ,ईष्ट अथवा किसी देवता की रुष्टता आदि के होते हैं |अतः सबसे अधिक प्रयास हमारा रहा की हमारी डिब्बी की अवयवों में वह वस्तु अधिक हो जो इन नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव को कम कर सके ,इनकी पीड़ा कम कर सके ,देवी -देवता की रुष्टता कम कर उन्हें संतुष्टि दे तथा ऐसे ऊर्जा उत्पन्न करे जिससे नकारात्मक शक्तिया ,उर्जाये घर -परिवार -व्यक्ति से दूर हों |हमसे सम्पर्क करने वाले लोगों में दुसरे सबसे अधिक लोगों की संख्या पारिवारिक विवाद ,कलह ,दाम्पत्य बाधा ,संतति बाधा ,संतति दोष आदि की रही है |इनके बाद आर्थिक समस्याओं को लेकर लोग अधिक मिलते हैं |इन सभी मूल समस्याओं को लेकर एक साथ संतुलित करने के प्रयास में हमने यह डिब्बी निर्मित की है जिसके हर क्षेत्र में उत्तम परिणाम प्राप्त हुए हैं |यह डिब्बी प्राण प्रतिष्ठित होती है और इसमें देवी शक्ति को स्थापित किया गया होता है जिससे इसी पूजा रोज हर हाल में चाहिए होती है किसी प्राण प्रतिष्ठित मूर्ती की तरह |इसके बाद अगर कोई विशेष उद्देश्य नहीं है तो मात्र सामान्य पूजा से यह जीवन के हर क्षेत्र में क्रिया करता और लाभ देता है |विशेष उद्देश्य होने पर उस उद्देश्य के अनुसार मंत्र और पद्धति के साथ पूजन करने से वह उद्देश्य विशेष रूप से पूर्ण होता है ,साथ ही अन्य क्षेत्र के लाभ तो मिलते ही हैं |उदेश्य विशेष के अनेक विषयों पर प्रयोग और पद्धति हमने अपने blog पर पोस्ट किये हैं जिससे इन्हें कहीं खोजना न हो धारक को |

    इस चमत्कारी डिब्बी में जो वस्तुएं, जड़ी -बूटियां ,पदार्थ हमने सम्मिलित की हैं वह विभिन्न महाशक्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं तथा जिनके विशेषता के बारे में तंत्र शास्त्र ,ज्योतिष शास्त्र हजारों वर्षों से कहता आया है ,मान्यता देता आया है ,जिनका प्रयोग हजारों वर्षों से विभिन्न लाभों के लिए ,भिन्न समस्याओं क निदान के लिए करता आया है |इन वस्तुओं में दक्षिणावर्ती शंख ,गोमती चक्र ,पीली कौड़ी ,स्फटिक ,हत्था जोड़ी ,सियारसिंगी ,रुद्राक्ष ,अपराजिता मूल ,नागदौन मूल ,श्वेतार्क मूल ,गुडमार मूल ,हरसिंगार मूल ,औदुम्बर मूल ,महायोगेश्वरी मूल ,निर्गुन्डी मूल ,श्वेत गूंजा ,अमरबेल मूल ,एरंड मूल के साथ सात अन्य विशिष्ट वस्तुएं होती हैं |सभी के नाम हम नहीं लिख पा रहे क्योंकि इससे हमारी व्यक्तिगत खोज और गोपनीय अनुसंधान के सार्वजनिक होने पर हमें आर्थिक नुकसान भी होगा और हमारा विशेषाधिकार भी प्रभावित होगा |इसका लोग व्यावसायिक उपयोग कर सकते हैं अथवा इसका दुरुपयोग कर सकते हैं ,चुकी यह सभी षट्कर्म मारण ,मोहन ,उच्चाटन ,वशीकरण ,आकर्षण ,शांति कर्म के उद्देश्य पूर्ण करता है | शुरू में हमने इस दिव्य गुटिका /डिब्बी में २१ वस्तुओं का संग्रह रखा था जिनमे अब ४ अन्य वस्तुएं मिलाकर २५ कर दिया गया है |इनसे इसकी उपयोगिता और शक्ति और भी अधिक बढ़ गयी है |यहाँ हम इस डिब्बी की समग्र विशिष्टता लिख रहे ,वस्तुओं की अलग से विशिष्टता जानने के लिए हमारा पूर्व का लेख ” कैसे चमत्कारी है दिव्य गुटिका /डिब्बी ” देखें |इस लेख में हम इसका कोई प्रयोग भी नहीं दे पा रहे चूंकि लेख बहुत लंबा हो जाएगा |इसके कहाँ -कहाँ ,कैसे प्रयोग हो सकते हैं यह जानने के लिए हमारा पूर्व का लेख ” कहाँ ,कैसे ,कब प्रयोग कर सकते हैं दिव्य गुटिका /डिब्बी ” देखें |

          इस डिब्बी पर हमने विभिन्न समस्याओं पर लगभग २५ साधना और प्रयोग अपने डिब्बी /गुटिका धारकों के लिए लिखे हैं ,जो हमारे blog ,यूट्यूब चैनल और इस वेबसाईट alaukikshaktiyan.com पर प्रकाशित हैं ताकि डिब्बी /धारक को कहीं भटकना न पड़े और उन्हें जब ,जैसी समस्या आये वह अपने घर में रखी डिब्बी पर ही समस्या से सम्बन्धित प्रयोग कर अपनी समस्या से मुक्त हो सकें |हमने इस पर जीवन बदलने और संघर्ष के दिन समाप्त करने के लिए प्रयोग प्रकाशित किया है |,महालक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए होली का अलग और दीपावली का अलग प्रयोग प्रकाशित किया है |पति वशीकरण ,सर्वजन वशीकरण ,पत्नी -प्रेमिका वशीकरण ,सर्व जन आकर्षण ,त्रैलोक्य मोहन ,विशिष्ट व्यक्ति आकर्षण ,शेयर -सट्टा- लाटरी -कमोडिटी सफलता ,नकारात्मक ऊर्जा /शक्ति हटाने ,भूत -प्रेत -अभिचार हटाने जैसे विषयों पर अनेक प्रयोग हमने पोस्ट किये हैं |

           यह गुटिका जीवन के हर क्षेत्र की समस्या से मुक्ति दिलाने में सक्षम है |इससे अनेक और कठिन उद्देश्य पूर्ण किये जा सकते हैं बस प्रक्रिया और पद्धति बदल कर जबकि गुटिका या डिब्बी वही रहती है |यह गुटिका या डिब्बी लोगों के लगभग सभी वह कार्य पूर्ण करती है जिसके लिए अलग -अलग पूजा -जप -तप करना पड़ता है या -ताबीज -कवच -जड़ी आदि धारण करना पड़ता है |इसमें सम्मिलित सभी महत्वपूर्ण मूल और वनस्पतियाँ तंत्र के सबसे महत्वपूर्ण और वर्ष के एक दिन ही उपलब्ध योग रविपुष्य योग में ही निकाली ,प्राण प्रतिष्ठित और अभिमंत्रित होती हैं |अन्य वस्तुएं भी रविपुष्य योग में ही विशेष तांत्रिक पद्धति से प्राण प्रतिष्ठित और अभिमंत्रित होती हैं जिससे इनके गुण कई गुना बढ़ जाते हैं |इसलिए यह गुटिका जहाँ भी रखी जाती है इसकी प्रतिक्रिया शुरू हो जाती है वहां की नकारात्मक उर्जाओं पर |केवल सामान्य पूजा मात्र भी इसका उत्तम लाभ दिलाती है जबकि यदि ठीक से पूजा और मंत्र जप किया जाए तो लक्षित उद्देश्य की पूर्ती संभव हो जाती है |

       इस गुटिका/डिब्बी के उपयोग से धन वृद्धि ,सम्मोहन ,वशीकरण ,वायव्य बाधाओं से सुरक्षा ,शत्रुओं से सुरक्षा ,अभिचार कर्म से सुरक्षा ,संपत्ति संवर्धन ,यात्रा में सुरक्षा ,विवादप्रतियोगिता में सफ़लता ,साक्षात्कार में सफ़लता ,द्युतक्रीडा शेयर सट्टा लाटरी कमोडिटी के कार्यों में सफलता ,आकस्मिक आय स्रोतों में वृद्धि ,सेल्स -मार्केटिंग के कार्यों में सफलता ,घर -मकान -दूकान के बंधन /तंत्र क्रिया की रोकथाम ,शत्रु से अथवा मुकदमे में विजय ,अधिकारी का अनुकूलन वशीकरण ,गृह दोषवास्तु दोष का शमन ,जमीन के नीचे की नकारात्मक ऊर्जा शमन ,मकान -दूकान -व्यावसायिक प्रतिष्ठान की नकारात्मक ऊर्जा या शक्ति का शमन ,गृह कलह का शमन ,ग्रह बाधाअशुभत की समाप्ति ,प्रियजनों का अनुकूलनवशीकरण किया जा सकता है |इसके अतिरिक्त भी यह गुटिका के अनेकानेक और विशिष्ट उपयोग हैं ,जिनके लिए विविध प्रकार की क्रियाएं की जा सकती है ,इसकी क्षमता की कोई सीमा नहीं है ,उद्देश्य के अनुसार भिन्न क्रियाएं विभिन्न मनोकामनाएं पूर्ण कर सकती हैं |यह नैसर्गिक रूप से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों पर प्रतिक्रया करती है ,चूंकि यह दैवीय शक्ति से सम्पन्न होती है |इससे नकारात्मक उर्जाओं को कष्ट होता है |बहुत तीव्र शक्ति की किसी नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होने पर इस पर विशेष क्रिया और प्रयोग करने हो जाते हैं अन्यथा यह सामान्य नकारात्मक प्रभाव अपने आप हटाने लगती है |यह भाग्यावरोध दूर कर ,ग्रहों के दुष्प्रभाव रोककर व्यक्ति के भाग्य अनुसार परिणाम दिलाने में सहायक होती है |

     इस डिब्बी में सम्मिलित वस्तुएं दुकानों में बहुत मूल्यवान नहीं अगर मिल जाएँ तो ,किन्तु दुर्लभ होने से शुद्ध ,सही मिलती नहीं जिससे यह बहुमूल्य हो जाती हैं |इसके बाद इनका इनके लिए वर्ष में निश्चित विशेष मुहूर्त में तंत्रोक्त विधि से निष्कासन और प्राण प्रतिष्ठा इसे अमूल्य बना देती है ,क्योंकि अगर दुकानों में कोई वस्तु मिल भी जाती है तो वह तांत्रिक प्रयोग के लिए कोई महत्त्व नहीं रखती जब तक की उसका निश्चित मुहूर्त में ,निश्चित तंत्रोक्त विधि से निष्कासन और प्राण प्रतिष्ठा न हो |प्राण प्रतिष्ठा के बाद इन्हें सम्मिलित रूप में देवी काली के मंत्र से २१ दिनों तक अभिमन्त्रण इसे ऐसा बना देती है जिसको कोई मूल्य नहीं दिया जा सकता |यह सब क्रियाएं विशेष तांत्रिक दक्षता के साथ श्रम और समय की मांग करती हैं जिसके लिए पूर वर्ष प्रयास करना होता है की किस मुहूर्त में कौन सी वस्तु को निकालना है अथवा लाना है ,उसकी क्या पद्धति है |कौन वनस्पति -वस्तु कहाँ उपलब्ध है खोज कर रखना होता है |इसके बाद निश्चित दिन लेकर तांत्रिक विधि से विशेष समय में प्राण प्रतिष्ठा करके सुरक्ष्तित करते हुए जाना होता है |प्राण प्रतिष्ठा के बाद वस्तुओं की नियमित पूजा सुनिश्चित करनी होती है |इन्हें फिर आवश्यकतानुसार सम्मिलित रूप में अभिमंत्रित किया जाता है |इस प्रकार यह बहुत श्रम और दक्षता के बाद तैयार होती है |जब इसे घर -दूकान अथवा प्रतिष्ठान में स्थापित कर पूजन शुरू होता है तो यह त्वरित रूप से सबसे पहले नकारात्मक ऊर्जाओं को प्रभावित करती है |इसके बाद क्रमशः अन्य सभी क्षेत्रों में इसके प्रभाव शुरू होते हैं तथा जीवन के हर क्षेत्र में यह व्यक्ति के भाग्य में नियत परिणाम दिलाने में सहायक होती है |

               समस्या कोई भी हो ,ग्रह बाधा हो ,भाग्यावरोध हो ,वास्तु दोष हो ,स्थान दोष हो ,किये -कराये की समस्या हो ,भूत -प्रेत की समस्या हो ,नकारात्मक ऊर्जा या शक्ति की समस्या हो ,कुलदेवता -देवी का पता न हो ,कुलदेवता /देवी रुष्ट /क्रोधित हों ,पित्र असंतुष्ट हों ,पित्र शान्ति के अनेक उपाय करने /करवाने पर भी कोई अंतर न समझ आ रहा हो ,कालसर्प अथवा मांगलिक दोष आदि ज्योतिषीय दोषों के सभी उपाय करने पर भी कोई विशेष अंतर न समझ आ रह हो और दोषों से सम्बन्धित कष्ट सामने आ रहे हों |अकाल मृत्यु प्राप्त आत्माओं की समस्या हो ,पारिवारिक समस्या हो ,पारिवारिक विघटन हो ,पत्नी -पत्नी अथवा परिवार के लोगों के बीच लगातार कलह ,अनबन का माहौल रहता हो ,आर्थिक समस्या हो ,आय -व्यय असंतुलन हो ,किसी बाधा के कारण उन्नति नहीं हो रही हो ,कार्यों में रुकावट आ रही हो ,बीमार हों पर रोग का पता न चल रहा हो ,गंभीर असाध्य रोग से पीड़ित हों ,बार बार दुर्घटनाओं ,हानि आदि से परेशान हो ,अशांति -तनाव -चिंता हो ,भविष्य असुरक्षित लग रहा हो ,हीन भावना से ग्रस्त हों ,पूजा -पाठ असफल हो रहे हों ,उपाय पर उपाय करने पर भी परिणाम न मिल रहे हों ,उपायों से विश्वास उठ गया हो ,उपाय पर उपाय करके इतना व्यतिक्रम उत्पन्न कर लिया हो की ज्योतिषी की भविष्यवाणी सही न उतर रही हो ,नकारात्मक शक्तियों का ऐसा प्रभाव हो की जो भाग्य कुंडली बता रही हो वह न मिल रहा हो ,सब तरफ से निराश हो कष्ट -दुःख को ही अपनी नियति मान लिए हों जबकि कुंडली में ऐसा न हो ,तब ………..जबकि आप बिलकुल हताश हो जाएँ तब आजमायें चमत्कारी दिव्य गुटिका /डिब्बी |

………………………………………………………..हर हर महादेव


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