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विजय कवच [ Vijay Kavach ]

विजय कवच /ताबीज

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           विजय कवच हर जगह ,हर समस्या में सबके लिए सामान रूप से लाभदायक है |विजय कवच में विभिन्न उच्च शक्तियों के यन्त्र प्रतिष्ठित किये जाते हैं जैसे बगलामुखी ,महाकाली ,मृत्युंजय महादेव ,श्यामा मातंगी ,मातंगी ,उच्छिष्ट गणपति ,छिन्नमस्तिका ,नील तारा ,काल भैरव ,नृसिंह ,पंचमुखी हनुमान ,भुवनेश्वरी ,त्रिपुरसुन्दरी श्री विद्या ,महालक्ष्मी ,कमला आदि जैसी भी समस्या किसी की हो |यन्त्र एक ही शक्ति का होता है जिसकी जैसी मनोकामना हो जिस मुख्य क्षेत्र से सम्बन्धित, किन्तु जो अभिमंत्रित वस्तुए इस कवच में यन्त्र के साथ भरी जाती हैं वह उपरोक्त शक्तियों का भी -प्रतिनिधित्व करती हैं अतः इन शक्तियों से सम्बन्धित क्षेत्र में भी यह कवच काम करता है |विषय ,समस्या ,कामना कोई भी हो इस कवच का कार्य उस क्षेत्र में सफलता दिलाना है |

         इस कवच का निर्माण सम्बन्धित व्यक्ति के नाम से होता है और उसके नाम से इसके यन्त्र को अभिमंत्रित किया जाता है जबकि भरी जाने वाली वस्तुएं उनके लिए निर्धारित विशिष्ट मुहूर्तों में प्राण प्रतिष्ठित और अभिमंत्रित होती हैं |जब कोई अपनी समस्या या मनोकामना व्यक्त करता है तो उस विषय से सम्बन्धित मूल शक्ति या देवी देवता का चयन कर उसके यन्त्र का भोजपत्र पर निर्माण किया जाता है तथा उसकी प्राण प्रतिष्ठा करके सम्बन्धित व्यक्ति के लिए यन्त्र को मूल शक्ति के मूल मंत्र से २१००० मन्त्रों द्वारा अभिमंत्रित किया जाता है |अभि९म्न्त्रन बाद हवन कर व्यक्ति को प्रदान किया जाता है |वैसे तो पूर्ण जप संख्या सवा लाख होनी चाहिए किन्तु इतना अधिक जप में श्रम और मूल्य दोनों बहुत अधिक लग जाता है अतः सामान्य लोगों के लिए यह मुश्किल हो जाता है अतः २१००० हजार जप से इसे अभिमंत्रित किया जाता है ताकि सर्व सुलभ हो सके |

          जो लोग शत्रु-विरोधी से परेशान है ,अधिकारी वर्ग से परेशान है ,वायवीय बाधाओं से परेशान हो ,नवग्रह पीड़ा से पीड़ित हो ,,जिनके कार्य क्षेत्र में खतरे की संभावना हो ,दुर्घटना की संभावना अधिक हो |स्थायित्व का अभाव हो ,बार बार स्थानान्तरण से परेशान हों ,ठीक से कार्य न कर पाते हों ,ऊर्जा -उत्साह -शक्ति की कमी हो ,जिन्हें बहुत लोगों को नियंत्रित करना हो उनके लिए यह बहुत उपयोगी है |जो लोग बार-बार रोगादि से परेशान हो ,असाध्य और लंबी बीमारी से पीड़ित हो अथवा बीमारी हो किन्तु स्पष्ट कारण न पता हो |कोई अंग ठीक से कार्य न करता हो |स्वास्थ्य कमजोर हो |नपुंसकता हो अथवा स्त्रियों में स्त्री जन्य समस्या हो ,डिम्भ बन्ने में समस्या हो ,कमर -जाँघों -हड्डियों की समस्या हो ,मोटापे से परेशान हों ,आलस्य हो ,कहीं मन न लगता हो ,चिंता ,तनाव ,डिप्रेसन हो ,पूर्णिमा -अमावस्या को डिप्रेसन अथवा मन का विचलन होता हो उन्हें काली यन्त्र का विजय कवच धारण करना चाहिए |

           जिन्हें हमेशा बुरा होने की आशंका बनी रहती हो ,खुद अथवा परिवार के अनिष्ट की सम्भावना लगती हो ,अकेले में भय लगता हो अथवा बुरे स्वप्न आते हों ,कभी महसूस हो की कमरे में अथवा साथ में उनके अलावा भी कोई और है किन्तु कोई नजर न आये |कभी लगे कोई छू रहा है अथवा पीड़ित कर रहा है ,कभी कोई आभासी व्यक्ति दिखे अथवा आत्मा परेशान करे |कभी अर्ध स्वप्न में कोई छाती पर बैठ जाए ,लगे कोई गला दबा रहा है |किसी के साथ कोई शारीरिक सम्बन्ध बनाये किन्तु वह दिखाई न दे अथवा स्वप्न या निद्रा में ऐसा हो |बार -बार स्वप्न में कोई स्त्री -पुरुष दिखे जिससे दिक्कत महसूस हो |आय के स्रोतों में उतार-चढ़ाव से परेशान हो ,ऐसा लगता हो की किसी ने कोई अभिचार किया हो सकता है या लगे की कोई अपना या बाहरी अनिष्ट चाहता है तो ऐसे व्यक्तियों को भगवती काली की साधना -आराधना-पूजा करनी चाहिए साथ ही सिद्ध साधक से बनवाकर विजय कवच चांदी के ताबीज में धारण करना चाहिए |यदि साधना उपासना न कर सकें तो भी कवच अवश्य पहनना चाहिए |

          यदि आप में हीनभावना है ,आलस्य है ,चंचलता की कमी है दब्बू स्वभाव है ,हर कोई आपको दबाना चाहता है ,काम क्षमता में कमी है ,पौरुष में कमी है ,शुक्राणु में कमी हो ,यौन सुख पूर्ण प्राप्त न कर सके ,स्तम्भन का अभाव हो ,खुद को किसी के सामने व्यक्त नहीं कर पाते ,किसी के सामने बात करने में हिचकिचाते हैं ,शारीरिक कमजोरी है अथवा अधिक मोटापा है |स्त्रियों में मासिक गड़बड़ी रहती है ,मूत्र रोग ,बार बार इन्फ़ेक्सन आदि यौनांग में होते हैं ,यौनेच्छा में कमी रहती है ,कभी यौनेच्छा की अति हो ,डिम्भ आदि की समस्या आती हो ,बंध्यापन हो ,रक्ताल्पता हो या अधिक रक्त बहता हो ,अतिरज मासिक हो ,तनाव ,हिस्टीरिया ,पागलपन ,मानसिक बाधाएं हों ,फोबिया ,भूत प्रेत की बाधाएं हों ,चिंता ,अनहोनी की आशंका हो ,भय महसूस हो ,प्रलाप करे ,कभी कभी हिंसक प्रवृत्ति जागे और कभी कायरता अथवा हींन भावना ,कमर में दर्द हो ,कमर की हड्डी में आवाज आये ,जाँघों और नसों की समस्या उतपन्न हो ,कमर का हिस्सा अधिक मोटा हो जाए जबकि जांघ और पैर पतले हों ,आलस्य रहे ,पसीने की गंध तेज हो ,कभी अकेले में महसूस हो की कोई और है कमरे में या साथ में पर कुछ दिखे नहीं ।कभी सोये हुए में किसी अदृश्य की अनुभूति हो या स्पर्श लगे तो ऐसे में भी विजय कवच धारण करता लाभदायक होता है |

     सामान्यतया कवच धारण से .व्यक्ति की सार्वभौम उन्नति होती है |,शत्रु पराजित होते है ,सर्वत्र विजय मिलती है |मुकदमो में विजय मिलती है ,वाद विवाद में सफलता मिलती है |अधिकारी वर्ग की अनुकूलता प्राप्त होती है ,|विरोधी की वाणी ,गति का स्तम्भन होता है |,शत्रु की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है ,उसका स्वयं विनाश होने लगता है |,,ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है ,|हर कार्य और स्थान पर सफलता बढ़ जाती है |व्यक्ति के आभामंडल में परिवर्तन होने से लोग आकर्षित होते है |,प्रभावशालिता बढ़ जाती है ,वायव्य बाधाओं से सुरक्षा होती है |,तांत्रिक क्रियाओं के प्रभाव समाप्त हो जाते है ,सम्मान प्राप्त होता है ,|परीक्षा ,प्रतियोगिता आदि में सफलता बढ़ जाती है |,भूत-प्रेत-वायव्य बाधा की शक्ति क्षीण होती है क्योकि इसमें से निकलने वाली सकारात्मक तरंगे उनके नकारात्मक ऊर्जा का ह्रास करते हैं और उन्हें कष्ट होता है |मांगलिक ,पारिवारिक कार्यों में आ रही रुकावट दूर होती है |धारक पर से किसी भी तरह के नकारात्मक दोष दूर होते हैं |शरीर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाह बढने से आत्मबल और कार्यशीलता में वृद्धि होती है |आलस्य ,प्रमाद का ह्रास होता है |व्यक्ति की सोच में परिवतन आता है ,उत्साह में वृद्धि होती है |किसी भी व्यक्ति के सामने जाने पर सामने वाला प्रभावित हो बात मानता है और उसका विरोध क्षीण होता है |घर -परिवार में स्थित नकारात्मक ऊर्जा की शक्ति क्षीण होती है |नौकरी ,व्यवसाय ,कार्य में स्थायित्व प्राप्त होता है |

          विजय कवच में यन्त्र को बनाने और प्रतिष्ठित -अभिमंत्रित करने वाले साधक का मानसिक बल ,उसकी शक्ति से अवतरित और प्रतिष्ठित भगवती की पारलौकिक शक्ति ,उसका अपना साधना बल भी होता है जिससे विजय कवच सम्पूर्ण प्रभाव प्रदान करती है ,इस कवच का अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए इसमें प्रतिष्ठित की गयी शक्ति के मंत्र जप जप और शक्ति का नित्य प्रति पूजन धारक को विशेष लाभ प्रदान करता है |हमने तो सामान्य परेशानियां ऊपर बताई हैं इसके अतिरिक्त भी जो भी कामना हो उससे सम्बन्धित शक्ति से प्रतिष्ठित कवच किसी भी क्षेत्र में कार्य करता है |अतः आज के समय में यह विजय कवच धारण किसी भी क्षेत्र में बेहद उपयोगी है |……………………………………………………..हर-हर महादेव  


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