Alaukik Shaktiyan

ज्योतिष ,तंत्र ,कुण्डलिनी ,महाविद्या ,पारलौकिक शक्तियां ,उर्जा विज्ञान

भविष्य जानने से क्या हानि होती है ?

भविष्य जानना खतरनाक भी हो सकता है ?

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बिना सोचे उपाय करने से होने वाली स्थायी हानि को कोई नहीं सुधार सकता 

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              हर व्यक्ति अपने भविष्य के प्रति उत्सुक होता है और जिसे देखो यहाँ वहां हाथ फैला देता है ,अपनी कुंडली डाल देता है भविष्य जानने के लिए ,पर भविष्य जानने के अपने खतरे हैं |,भविष्य जानना भी बुरा हो सकता है ,कभी यह बहुत खतरनाक भी हो सकता है ,कभी किसी ने सोचा नहीं होगा अपितु हर व्यक्ति तो अपना भविष्य ही जानने के पीछे भागता रहता है |किसी ज्योतिषी को देखा नहीं ,किसी को जाना नहीं की बस अपना भविष्य जानने को उत्सुक |जिसे परेशानी है उसकी तो जिज्ञासा समझ आती है की वह अपनी समस्या /परेशानी का कारण जानना चाहता है ,[[वैसे कारण कम ही लोग जानना चाहते हैं लोग बस उपाय जानना चाहते हैं जो अच्छा नहीं होता ]] जिससे वह उससे निकल सके पर जिन्हें कोई परेशानी नहीं वह भी अपना भविष्य जानना चाहता है |कोई कोई व्यक्त भले ऐसा न करे पर ९९.९९ प्रतिशत में भविष्य को लेकर जिज्ञासा होती ही होती है |आइये हम आपको बताते हैं की भविष्य जानना कभी आपको परेशानी में भी डाल सकता है और उस परेशानी से फिर आपको कोई भविष्यवक्ता नहीं निकाल सकता |हालांकि बहुत से भविष्यवक्ताओं ,ज्ञानिओं ,जानकारों ,बुद्धिजीवियों और भविष्य जानने का दावा करने वाले ज्योतिषियों को मेरी बात बुरी भी लग सकती है अथवा उनके समझ में नहीं आ सकती ,क्योकि उन्होंने कभी सोचा ही नहीं इस बारे में |सामान्य लोगों ने भी नहीं सोचा ,जानेंगे कैसे |

              जब आप भविष्य देख सकते हैं तो उसमे परिवर्तन भी किया जा सकता है |यही तो ज्योतिष का आधार है |भविष्य जानने का उद्देश्य भी होता है और यही भविष्यवाणी का अंतिम उद्देश्य होता है की भविष्य में होने वाली घटना को सुधारा जा सके |अगर सुधारा न जा सकता तो ज्योतिष और भविष्यवाणी का कोई अर्थ नहीं था |इसे इतनी न लोकप्रियता मिलती न इसकी कोई उपयोगिता थी |यद्यपि कुछ तथाकथित ज्योतिषी जो खुद को  आधुनिक और अधिक ज्ञानी मानते हैं ,उपाय और सुधार की संभावना को नकारते हैं ,की ऐसा नहीं हो सकता और वह यह नहीं जानते की वैदिक काल से ही ज्योतिष आदि में उपायों की अवधारणा इसी लिए रही है की भविष्य जानकर उसे सुधारा जा सके |इन्हें छोड़ दें तो लगभग सभी प्रकार की भविष्यवाणी और ज्योतिष आदि जैसी भविष्य आधारित विद्याओं के मूल में भविष्य जानकर उसे सुधारना ही है |ज्योतिष का उद्देश्य ही रहा है की ग्रहों द्वारा उत्पन्न भाग्य के प्रभाव को ग्रहों के उपाय द्वारा कैसे अधिकतम मनुष्य के लिए हितकर बनाया जाय|

               जब आप भविष्य देख पाते हैं तो उसे सुधारने का भी प्रयत्न करते हैं अपने अनुकूल |प्रयास तो सभी का यही होता है |ज्योतिषी -तांत्रिक आदि भी उपाय तो इसीलिए बताते हैं की जो हो रहा ,जो होने वाला है उसमे कैसे परिवर्तन किया जा सकता है |अर्थात भविष्य जानने पर उसे सुधारा जा सकता है या बदला जा सकता है |जब कोई भी उपाय किया जाता है तो उससे ऊर्जा उत्पन्न होती है और उस ऊर्जा का प्रभाव ग्रह के प्रभाव पर होता है |भविष्य में सुधार अथवा थोड़े से भी परिवर्तन के लिए किया गया प्रयास कुछ तो परिवर्तन ला ही देता है और कुछ तो भविष्य बदल ही जाता है ,भले १ प्रतिशत ही सही |अर्थात जब आपने उपाय किया तो उसकी शक्ति से थोडा परिवर्तन हुआ |यानी भविष्य बदला ,और इसे बदला जा सकता है |अब अगर भविष्य बदला जा सकता है तो इस परिवर्तन से एक नया भविष्य उत्पन्न होगा |यानी जो उपाय आपने किये उससे जो परिवर्तन हुए उनसे एक नए भविष्य का निर्माण हुआ ,भले यह निर्माण मात्र १ प्रतिशत ही हुआ पर इसका उल्लेख अब आपकी नैसर्गिक कुंडली में तो नहीं होगा |क्योकि जो भविष्य आज किसी कुंडली ,अथवा अन्य माध्यम से देखा गया है उसका तो आधार है ग्रह स्थितियां आदि पर जो भविष्य आज बदला जा रहा उसका कोई आधार नहीं होगा ,कोई कुंडली नहीं होगी ,कोई ग्रह स्थितियां नहीं होंगी |क्योकि आपके प्रयास कब ,किस घडी फलीभूत हुए और भविष्य में बदलाव किस घडी आया कोई नहीं जानता |इस प्रकार जो नया भविष्य बना उसको जानने का तरीका सामान्यतया नहीं होता ,केवल बहुत सिद्ध व्यक्ति ही उसे देख सकता है ,ज्योतिष से तो यह कत्तई संभव नहीं |

               अब सबसे बड़ा खतरा तब उत्पन्न होता है की जो नया भविष्य आपने पिछले भविष्य को सुधारने के प्रयास में उपाय आदि करके बनाए हैं उसमे कब कौन सा खतरा है किसी को नहीं पता |यानी आज जो नया भविष्य बना उसमे आगे जाकर नुक्सान है या लाभ है अथवा कोई परिवर्तन तो नहीं होने वाले कोई नहीं जानता |आपके उपाय सही तरीके से हुए हैं की नहीं |सही उपाय बताये गए थे की नहीं |नीम हकिम की तरह ऐसे उपाय तो नहीं करवा दिए गए जो एक नई समस्या खड़ी करने वाले हैं नए भविष्य में |अगर उपाय गलत थे तो भी एक नया भविष्य बनेगा और उपाय सही थे तो भी एक नया भविष्य बनेगा |अगर सही ही उपाय बताये गए तो उनके साइड इफेक्ट क्या हो सकते हैं जो नए भविष्य में आयेंगे यह भी सोचने लायक होगा |आज की समस्या तो आपने उपाय करके हल कर दी किन्तु यह परिवर्तन कल के भविष्य के लिए घातक तो नहीं |ऐसा तो नहीं की आज की समस्या कम करने में भविष्य में बड़ी समस्या उत्पन्न कर दी गयी |क्योकि अब नए भविष्य को तो पुरानी कुंडली से देखा नहीं जा सकता |वह कुंडली तो जन्म के समय की स्थितियों पर आधारित है |उसमे परिवर्तन के बाद क्या स्थितियां होंगी वह तो वह बता नहीं पाएगी |वह कुंडली तो सामान्य भविष्य बताती है जबकि उसमे कोई परिवर्तन का प्रयास न किया गया हो |

            ज्योतिषी -तांत्रिक के कहने पर ,बताने पर आपने गंभीर उपाय /प्रयास किये और आपकी स्थितियां परिवर्तित भी हो गयी |आपका माहौल बदल गया |स्थितियों में परिवर्तन से स्वभाव बदल गया ,वातावरण बदल गया ,घर-परिवार में परिवर्तन हो गया |अब आगे जो होना है या जो परिवर्तन आ गया उसके अनुकूल क्या आपका यह स्वभाव ,वातावरण ,माहौल आदि सहायक होंगे या आपमें या आपके आसपास जो परिवर्तन हुए हैं वह आपके नए भविष्य से सामना करने में सहायक होंगे या नहीं कोई नहीं जानता |इस नए भविष्य से सबकुछ अनजान हो जाएगा |जब एक बार आपने अपने लिए गंभीर उपाय कर लिए तो ज्योतिषी की भविष्यवाणी आप पर फिर कभी शतप्रतिशत सही नहीं होगी |कुछ घटनाएं सही बैठेंगी तो कुछ गलत हो जायेंगी |क्योकि आपके भविष्य में तो परिवरतन हो गया है |कुछ उपाय सही काम करेंगे तो कुछ के परिणाम विपरीत होंगे |जैसे जैसे आप परिवर्तन का प्रयास करते जायेंगे ,नए पर नए भविष्य उत्पन्न होंगे और स्थिति जटिल से जटिलतम होती जायेगी |गोचरीय परिवर्तन पर आधारित फलादेश कुछ हद तक सही होंगी तो नैसर्गिक स्थितियों पर आधारित फलादेश में परिवर्तन मिलेगा |ऐसा नहीं की ग्रहों का प्रभाव आपके लिए बदल जाएगा |वह नहीं बदलेगा क्योकि जन्मकालिक स्थिति के अनुसार उनका प्रभाव तो पड़ेगा ही ,पर आपके शरीर की उनके रश्मियों की स्वीकार्यता अथवा अस्वीकार्यता में परिवरतन हो गया रहेगा |क्योकि आपने विभिन्न उपाय से एक नया ऊर्जा संरचना उत्पन्न किया था ,इस रश्मियों के ही प्रभाव को बदलने के लिए |

            यह लेख हमारी सोच की उपज है ,सभी सहमत हों जरुरी नहीं और हमें अपेक्षा भी नही ऐसी |कुछ विपरीत कमेन्ट भी कर सकते हैं पर हमारी यह सोच अचानक नहीं बनी या उत्पन्न हुई |बहुत सारी घटनाओं को देखने ,समझने के बाद बनी ,जबकि अति विद्वान् ज्योतिषियों के भी भविष्यवाणी कुछ स्थानों पर गलत हो जाते हैं |गलती या कमी ज्योतिषी में नहीं होती ,अपितु दिक्कत उन गंभीर उपायों आदि की है जो जातक ने पहले करके नया भविष्य उत्पन्न कर दिया है |चाहे उसने जिज्ञासा में किया हो अथवा किसी ज्योतिषी /भविष्यवक्ता के कहने पर किया हो ,पर हो तो कुछ गया ही है ,जो आज समस्या की तरह खड़ा हो गया |ऐसी स्थिति में जातक के पास केवल एक ही बेहतर विकल्प बचता है किसी सिद्ध व्यक्ति के पास पहुचना जो इस परिवर्तित भविष्य को भी देख सके और सुधार करा सके |पर जो व्यक्ति इतना सिद्ध हो की वह बिना किसी आधार के किसी का भविष्य देख सके ,वह पहले तो किसी का भविष्य बताता नहीं ,दुसरे वह समाज से ही दूर रहता है ,क्योकि यह क्षमता बहुत गंभीर साधनाओं के बाद ही आ पाती है |भूत और वर्त्तमान देखना तो मुश्किल नहीं पर भविष्य देखना सर्वाधिक मुश्किल काम है |कोई कर्ण पिशाचिनी ,वामकी ,कर्ण मातंगी  आदि का साधक भविष्य नहीं बता सकता ,हाँ यह भूत और वर्त्तमान बता देते हैं और चुकी भूत सही बता देते हैं अतः भविष्य के तुक्के भी लोग सही ही मान लेते हैं ,जबकि ये भविष्य देख ही नहीं सकते |पंचंगुली का साधक परिवर्तित भाग्य नहीं बता सकता ,हाँ सामान्य भाग्य बता सकता है ,अतः यह भी बदले हुए भाग्य में कारगर नहीं होता |केवल बहुत पहुंचा हुआ सिद्ध व्यक्ति ही यह सब बता सकता है ,जिसे खोजना भूसे के ढेर से सुई ढूँढने जैसा ही है हालांकि दावा करने वाले तो लाखों मिलते हैं ,पर तुक्के लगाने से अधिक किसी की औकात नहीं होती भविष्य देखना तो दूर की बात है |

          इस पूरे लेख को लिखने का मकसद केवल अपने मन में उठे विचार व्यक्त करना ही मात्र है पर पढने वाले लोग कहेंगे कोई निष्कर्ष नहीं बताया की फिर आखिर करें तो क्या करें |इसलिए कुछ निष्कर्ष तो निकालना ही पड़ेगा और कुछ बचाव तो बताने ही पड़ेंगे |आप खुद के विवेक से जो भी बचाव कर सकते हैं करें ,हम केवल यह कहाँ चाहेंगे की जब भी आप भविष्य को लेकर उत्सुक हों अथवा किसी कठिनाई में पड़े हों और भविष्य आदि जानकर निराकरण की अपेक्षा हो तो किसी अच्छे ,विद्वान् ,ज्ञानी ज्योतिषी ,भविष्यवक्ता को ही अपने मार्गदर्शन के लिए चुनें |यहाँ वहां ,नीम -हकीम से सलाह लेना ,दो महीने ज्योतिष पढ़कर ज्योतिषी बन जाने वाले ,टोटके जानकर तांत्रिक बन जाने वाले ,कल तक यहाँ वहां घूमने वाले और आज तांत्रिक या ज्योतिषी खुद को कहने वाले ,कम उम्र युवा अथवा अनुभव हीन व्यक्ति ,भले जो खुद को चाहे जितना बड़ा बताये ,ऐसे ज्योतिषी -तांत्रिक -भविष्यवक्ता से बचें |इससे अधिक जरुरी यह की कोई भी उपाय तब तक न करें जब तक किसी विद्वान् की सलाह के साथ उसके अच्छे बुरे परिणाम की जानकारी न हो जाए या वह काम कैसे करेगा ,कहाँ करेगा ,उसका प्रभाव कहाँ होगा ,कैसा होगा ,वह परिवर्तन या सुधार कहाँ और कैसे करेगा यह सब न समझ लें |आप जो भी उपाय करेंगे उससे एक परिवर्तन जरुर होगा और नया भविष्य बनेगा ,जिसे कोई ज्योतिषी नहीं पढ़ पायेगा और इसलिए जब वहां समस्या आएगी तो कोई सुधार भी नहीं पायेगा |जो करें सोच कर करें ,ऐसा न हो की कुछ बनाने में कुछ ऐसा बिगड़ जाए जो सुधारना मुश्किल हो जाए |इसके बाद के बचाव आपकी इच्छा पर |…………[[व्यक्तिगत चिंतन ]]…………………………………………..हर-हर महादेव


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