डिप्रेसन [Depression]/अवसाद की समग्र चिकित्सा और उपाय
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डिप्रेसन अथवा अवसाद आज के समय में बूढ़े से लेकर बच्चों तक को प्रभावित कर रहा और अधिकतर आत्महत्या में आज इसकी भूमिका दिखती है |यह हर दस में से एक व्यक्ति में दिख रहा है अतः इसने हमें बहुत उद्वेलित किया और हमने इस पर गंभीर चिंतन और विचार किया |हमारा क्षेत्र तंत्र और मनोविज्ञान का रहा है जबकि हम पूर्व में विज्ञानं के छात्र रहे हैं ,अतः इस समस्या की गंभीरता ,कारण ,प्रभाव और निवारण समझने में हमें कुछ आसानी हुई और हमने एक समग्र चिकित्सा अथवा उपचार पद्धति निर्मित की है |यदि पूरी प्रक्रिया अपनाई जाए तो डिप्रेसन से छुटकारा मिल सकता है ,जैसा की हमने कुछ मामलों में प्रयोग किया और अच्छे परिणाम पाए हैं |डिप्रेसन से छुटकारा के लिए क्रमशः निम्न बिन्दुओं पर ध्यान देने और उपाय करने से शीघ्र सहायता मिलती है |
१. जैसा की हमने डिप्रेसन से सम्बंधित अपने चतुर्थ लेख “डिप्रेसन से बचाव और चिकित्सा ” में लिखा है ,उसके अनुसार डिप्रेसन ग्रस्त से व्यवहार करना चाहिए ,उसे उत्प्रेरित करना चाहिए और खुद डिप्रेसन ग्रस्त
को उन सुझावों के अनुसार क्रियाकलाप रखनी चाहिए |वाह्य वातावरण से सम्पर्क ,लोगों से मिलना जुलना ,खेलना कूदना ,व्यायाम ,प्राणायाम इसमें सहायक होता है |नकारात्मक विचारों से बचना ,पुरानी भूलों को भूलना ,अच्छे दोस्तों से मिलना जुलना ,बुरे दोस्तों से दूर रहना ,नकारात्मक और निराशा की बात करने वालों से दूर रहना ,पूरी नींद लेना लाभ देता है |इसके साथ ही सुझाए गए घरेलु मसालों का उपयोग करते रहना चाहिए |
को उन सुझावों के अनुसार क्रियाकलाप रखनी चाहिए |वाह्य वातावरण से सम्पर्क ,लोगों से मिलना जुलना ,खेलना कूदना ,व्यायाम ,प्राणायाम इसमें सहायक होता है |नकारात्मक विचारों से बचना ,पुरानी भूलों को भूलना ,अच्छे दोस्तों से मिलना जुलना ,बुरे दोस्तों से दूर रहना ,नकारात्मक और निराशा की बात करने वालों से दूर रहना ,पूरी नींद लेना लाभ देता है |इसके साथ ही सुझाए गए घरेलु मसालों का उपयोग करते रहना चाहिए |
२. डिप्रेसन ग्रस्त व्यक्ति को यह महसूस नहीं होना चाहिए की उसे कोई मानसिक बीमारी हो गयी है ,अन्यथा उसका मनोबल और गिर जाएगा ,जबकि उसे मनोवैज्ञानिक सहायता भी लेनी चाहिए |ऐसे में उसका संपर्क ऐसे लोगों से कराना चाहिए जो मनोविज्ञान की समझ रखते हों ,जो बुजुर्ग और अनुभवी हों ,समझदार और
सामाजिक हों |यदि वह खुद तैयार हो तो उसका सम्पर्क मनोवैज्ञानिक से करवाना चाहिए |उसकी काउंसिलिंग करानी चाहिए |उसके मनोबल ,आत्मविश्वास ,साहस ,सक्रियता बढानी चाहिए और उसमे गहर कर रह कमियां अथवा हीन भावना को दूर करना चाहिए |इस हेतु उसका अवचेतन सुधारना सबसे बेहतर विकल्प होता है जो जीवन भर के लिए उसे सशक्त बना देता है |इस प्रक्रिया में कुछ बेहतरीन आत्मबल ,मनोबल ,आत्मविश्वास जगाने वाली ,खुद पर भरोसा और क्षमता उत्पन्न करने की भावना वाली लाइनें बनाई जाती हैं और एक निश्चित अवधि के अंतराल में और प्रक्रिया के तहत उन्हें कुछ दिन दोहराया जाता है जिससे हीन भावना ,सम्बन्धित दोष निकल जाता है ,सबंधित समस्या के प्रति नजरिया बदल जाता है ,खुद पर भरोसा बढ़ जाता है और तनाव ,दबाव ,निराशा ,उलझन दूर हो नई ऊर्जा ,चेतना ,समझ ,उत्साह ,आत्मविश्वास विकसित होता है जो सदैव के लिए मजबूत कर देता है और अवचेतन में भरी बुरी आदतें और नकारात्मक विचार निकाल देता है |इन्ही नकारात्मक विचारों से ही डिप्रेसन उत्पन्न होता है |
सामाजिक हों |यदि वह खुद तैयार हो तो उसका सम्पर्क मनोवैज्ञानिक से करवाना चाहिए |उसकी काउंसिलिंग करानी चाहिए |उसके मनोबल ,आत्मविश्वास ,साहस ,सक्रियता बढानी चाहिए और उसमे गहर कर रह कमियां अथवा हीन भावना को दूर करना चाहिए |इस हेतु उसका अवचेतन सुधारना सबसे बेहतर विकल्प होता है जो जीवन भर के लिए उसे सशक्त बना देता है |इस प्रक्रिया में कुछ बेहतरीन आत्मबल ,मनोबल ,आत्मविश्वास जगाने वाली ,खुद पर भरोसा और क्षमता उत्पन्न करने की भावना वाली लाइनें बनाई जाती हैं और एक निश्चित अवधि के अंतराल में और प्रक्रिया के तहत उन्हें कुछ दिन दोहराया जाता है जिससे हीन भावना ,सम्बन्धित दोष निकल जाता है ,सबंधित समस्या के प्रति नजरिया बदल जाता है ,खुद पर भरोसा बढ़ जाता है और तनाव ,दबाव ,निराशा ,उलझन दूर हो नई ऊर्जा ,चेतना ,समझ ,उत्साह ,आत्मविश्वास विकसित होता है जो सदैव के लिए मजबूत कर देता है और अवचेतन में भरी बुरी आदतें और नकारात्मक विचार निकाल देता है |इन्ही नकारात्मक विचारों से ही डिप्रेसन उत्पन्न होता है |
३. जितना भी सम्भव हो एलोपैथिक ,आयुर्वेदिक जैसी रासायनिक दवाइयों और चिकित्सकों से बचना चाहिए ,क्योकि यह एक मानसिक बीमारी है और इसका प्रभाव मन पर होता है |दवाएं मात्र इसे दबा देती हैं तात्कालिक रूप से ,मन में उस समय वह विचार न आये इसलिए मन और शरीर को सुस्त कर देती हैं अथवा नींद दे देती हैं |स्थायी इलाज दवाओं से इसका सम्भव नहीं होता क्योकि उः कोई शारीरिक समस्या नहीं है |यहाँ मनोवैज्ञानिक चिकित्सा अधिक बेहतर होती है |
४. जैसा की हमने अपने पांचवें लेख “डिप्रेसन के ज्योतिषीय और तंत्रिकीय उपचार ” में विश्लेष्ण किया है और लिखा है उसके अनुसार व्यक्ति के लिए किसी अच्छे बुजुर्ग ज्ञानी वैदिक ज्योतिषी से विश्लेष्ण कराना चाहिए |ग्रहों का प्रभाव व्यक्ति और उसके मन पर बहुत अधिक और निर्विवाद रूप से पड़ता है और इनकी स्थिति सुधारने से व्यक्ति की सोच ,समझ ,विचार ,कार्यप्रणाली सबकुछ बदलता है |ज्ञानी के परामर्श के अनुसार रत्न आदि धारण करने चाहिए और उपाय करने चाहिए |इनसे शीघ्र सहायता मिलती है |
५.जैसा की हमने अपने पांचवें लेख “डिप्रेसन के ज्योतिषीय और तंत्रिकीय उपचार ” में लिखा है व्यक्ति का किसी अच्छे तांत्रिक अथवा देवी साधक से परिक्षण कराना चाहिए ,क्योकि कोई माने अथवा न माने नकारात्मक उर्जाओं का प्रभाव पड़ता ही है |इसका प्रमाण अमावश्या और पूर्णिमा को ऐसे लोगों में अधिक मानसिक विचलन है |पूर्ण विवेचन तो हमने अपने पिछले पोस्ट में किया ही है ,यहाँ हम इतना ही कहना चाहेंगे की ऐसे
लोगों किसी नकारात्मक उर्जा ,शक्ति या अभिचार का प्रभाव हो या नहीं ,इन्हें काली जैसी उग्र शक्ति का कवच [यन्त्र ]चांदी में धारण कराना चाहिए |यह कई क्षेत्रों में काम करता है |यह ग्रहों जैसे शनि ,राहू ,केतु आदि को नियंत्रित करता है |नकारात्मक ऊर्जा /शक्ति /अभिचार को दूर करता है |आत्मबल ,मनोबल ,आत्मविश्वास ,साहस ,कार्य क्षमता बढाता है |औरा या आभामंडल की नकारात्मकता दूर करता है |नई ऊर्जा देता है |शारीरिक सक्रियता ,उत्साह बढाता है अतः यह बेहद लाभकारी होता है ऐसे लोगों के लिए |
लोगों किसी नकारात्मक उर्जा ,शक्ति या अभिचार का प्रभाव हो या नहीं ,इन्हें काली जैसी उग्र शक्ति का कवच [यन्त्र ]चांदी में धारण कराना चाहिए |यह कई क्षेत्रों में काम करता है |यह ग्रहों जैसे शनि ,राहू ,केतु आदि को नियंत्रित करता है |नकारात्मक ऊर्जा /शक्ति /अभिचार को दूर करता है |आत्मबल ,मनोबल ,आत्मविश्वास ,साहस ,कार्य क्षमता बढाता है |औरा या आभामंडल की नकारात्मकता दूर करता है |नई ऊर्जा देता है |शारीरिक सक्रियता ,उत्साह बढाता है अतः यह बेहद लाभकारी होता है ऐसे लोगों के लिए |
इस प्रकार हम पाते हैं की बजाय एक तरह से उपाय करने के अगर कई क्षेत्रों में थोडा थोडा ध्यान
दिया जाय तो व्यक्ति का डिप्रेसन समाप्त होता है और वह अपनी पूर्व की स्थिति में लौट आता है |अब तक यह प्रक्रिया कारगर रही है और अच्छे परिणाम मिले हैं अतः हमने इन्हें अपने पाठकों के लिए प्रस्तुत कर दिया |यदि कोई ऐसी समस्या से ग्रस्त हो तो वह लाभ उठा सकता है | …………………………………………हर हर महादेव
दिया जाय तो व्यक्ति का डिप्रेसन समाप्त होता है और वह अपनी पूर्व की स्थिति में लौट आता है |अब तक यह प्रक्रिया कारगर रही है और अच्छे परिणाम मिले हैं अतः हमने इन्हें अपने पाठकों के लिए प्रस्तुत कर दिया |यदि कोई ऐसी समस्या से ग्रस्त हो तो वह लाभ उठा सकता है | …………………………………………हर हर महादेव
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