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व्यवसाय पर तंत्र होने पर करें यह उपाय

व्यवसाय पर तंत्र क्रिया होने पर

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. यदि कोई शत्रु आपसी जलन या द्वेष, व्यापारिक प्रतिस्पर्धा के कारण आप पर तंत्रमंत्र का कोई प्रयोग करके आपके व्यवसाय में बाधा डाल रहा हो, तो ईसे में नीचे लिखे सरल शाबर मंत्र का प्रयोग करके आप अपनी तथा अपने व्यवसाय की रक्षा कर सकते हैं सर्वप्रथम इस मंत्र की दस माला जपकर हवन करें मंत्र सिद्ध हो जाने पर रविवार या मंगलवार की रात इसका प्रयोग करें
मंत्रः– “उलटत वेद पलटत काया, जाओ बच्चा तुम्हें गुरु ने बुलाया, सत नाम आदेश गुरु का ।”
रविवार या मंगलवार की रात को 11 बजे के बाद घर से निकलकर चौराहे की ओर जाएँ, अपने साथ थोड़ीसी शराब लेते जाएँ मार्ग में सात कंकड़ उठाते जाएँ चौराहे पर पहुँचकर एक कंकड़ पूर्व दिशा की ओर फेंकते हुए उपर्युक्त मंत्र पढ़ें, फिर एक दक्षिण, फिर क्रमशः पश्चिम, उत्तर, ऊपर, नीचे तथा सातवीं कंकड़ चौराहे के बीच रखकर उस शराब चढ़ा दें यह सब करते समय निरन्तर उक्त मन्त्र का उच्चारण करते रहें फिर पीछे पलट कर सीधे बिना किसी से बोले और बिना पीछे मुड़कर देखे अपने घर वापस जाएँ
         घर पर पहले से द्वार के बाहर पानी रखे रहें उसी पानी से हाथपैर धोकर कुछ जल अपने ऊपर छिड़क कर, तब अन्दर जाएँ एक बात का अवश्य ध्यान रखें कि आतेजाते समय आपके घर का कोई सदस्य आपके सामने पड़े और चौराहे से लौटते समय यदि आपको कोई बुलाए या कोई आवाज सुनाई दे, तब भी मुड़कर देखें  
. अगर किसी का व्यापार चल रहा हो या व्यापार को कोई नजर लग गई हो या व्यापार में कोई परेशानी बार बार रही हो तो अपने व्यापार कि चोखट पर ११ गोमती चक्र एवं लघु नारियल सिद्ध करके शुभ महुर्त में किसी लाल कपड़े में बांध कर टांग दें व् उस पर लाल कामिया सिंदूर का तिलक कर दें ध्यान रखे ग्राहक उस के निचे से निकले बस कुछ ही दिनों में आप का व्यापार तरकी पर होगा |
.नकारात्मकता दूर करने का प्रयोग:
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कई बार आपको यदि ऐसा लगता है कि परेशानियां समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। धन का आगमन रुक गया है या आप पर किसी द्वारा ‘‘तांत्रिक अभिकर्म’’ किया गया है तो आप यह टोटके अवश्य
प्रयोग करें, आपको इनका प्रभाव जल्दी ही प्राप्त होगा। . पीली सरसों, गुग्गल, लोबान गौघृत इन सबको मिलाकर इनकी धूप बना लें सूर्यास्त के 1 घंटे भीतर उपले जलाकर उसमें
डाल दें। ऐसा 21 दिन तक करें इसका धुआं पूरे घर में करें। इससे नकारात्मक शक्तियां दूर भागती हैं।
. बुरी नजर और दुष्प्रभाव रोकती है घोड़े की नाल
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शत्रु एवं शनि पीड़ित लोग काले घोड़े की नाल के छल्ले का प्रयोग करें तो उत्तम लाभ होता है। यह छल्ला दाहिने हाथ की बीच की (मध्यमा) उंगुली में धारण करना चाहिए। आपधापी के इस युग में मनुष्य को एक और समयभाव हैं वहीं दूसरी और अपनी स्वार्थपूर्ति हेतु वह विभिन्न टोटकों एवं कुकर्मों का सहारा लेता है। किसी का अगर थोड़ा सा भी कारोबार अच्छा चला, वहीं ईर्ष्या रखेंने वाले लोग अनेक प्रकार के घृणित टोटकों का सहारा लेकर कारोबार को नष्ट प्रायः कर देते है। ऐसे लोगों की बुरी नजर से बचने का अत्यन्त सटीक उपाय है घोड़े की नाल का छल्ला। ध्यान रखेंना चाहिए वह छल्ला एकदम शुद्व एवं प्रमाणिक होना चाहिए। तभी इसका पूर्ण लाभ मिलता है घर तथा कार्य स्थान के मुख्य दरवाजे के ऊपर अन्दर की ओर यू’ के आकार में लगाई गई काले घोड़े के नाल उस स्थान की सभी प्रकार तांत्रिक प्रभाव जादूटोने, नजर आदि से रक्षा करती है।छल्ला बनवाने के लिए इसे गरम नहीं किया जाना चाहिए अपितु बिना गर्म किये बनाया जाना चाहिए |

.दूकान
/व्यवसाय बंधी होने ,या कुदृष्टि ग्रस्त होने पर
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कभीकभी देखने में आता है कि खूब चलती हुई दूकान भी एकदम से ठप्प हो जाती है जहाँ पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ती थी, वहाँ सन्नाटा पसरने लगता है यदि किसी चलती हुई दुकान को कोई तांत्रिक बाँध दे, तो ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, अतः इससे बचने के लिए निम्नलिखित प्रयोग करने चाहिए
१॰ दुकान में लोबान की धूप लगानी चाहिए
२॰ शनिवार के दिन दुकान के मुख्य द्वार पर बेदाग नींबू एवं सात हरी मिर्चें लटकानी चाहिए
३॰ नागदमन के पौधे की जड़  लाकर ,पूजित कर ,अभिमंत्रित कर इसे दुकान के बाहर लगा देना चाहिए इससे बँधी हुई दुकान खुल जाती है
४॰ दुकान के गल्ले में शुभमुहूर्त में श्रीफल लाल वस्त्र में लपेटकर रख देना चाहिए
५॰ प्रतिदिन संध्या के समय दुकान में माता लक्ष्मी के सामने शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित
करना चाहिए
६॰ दुकान अथवा व्यावसायिक प्रतिष्ठान की दीवार पर शूकरदंत इस प्रकार लगाना चाहिए कि वह दिखाई देता रहे
७॰ व्यापारिक प्रतिष्ठान तथा दुकान को नजर से बचाने के लिए कालेघोड़े की नाल को मुख्य द्वार की चौखट के ऊपर ठोकना चाहिए
८॰ दुकान में मोरपंख की झाडू लेकर निम्नलिखित मंत्र के द्वारा सभी दिशाओं में झाड़ू को घुमाकर वस्तुओं को साफ करना चाहिए मंत्रः– “ ह्रीं ह्रीं क्रीं”
९॰ शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के सम्मुख मोगरे अथवा चमेली के पुष्प अर्पित करने चाहिए
१०॰ यदि आपके व्यावसायिक प्रतिष्ठान में चूहे आदि जानवरों के बिल हों, तो उन्हें बंद करवाकर बुधवार के दिन गणपति को प्रसाद चढ़ाना चाहिए
११॰ सोमवार के दिन अशोक वृक्ष के अखंडित पत्ते लाकर स्वच्छ जल से धोकर दुकान अथवा व्यापारिक प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर टांगना चाहिए सूती धागे को पीसी हल्दी में रंगकर उसमें अशोक के पत्तों को बाँधकर लटकाना चाहिए
यदि इसके बाद भी दूकान /प्रतिष्ठान का बंदन समाप्त न हो अथवा व्यवसाय वृद्धि न हो तो किसी अच्छे और जानकार तांत्रिक से संपर्क करना चाहिए ,क्योकि अधिक शक्ति से तांत्रिक अभिचार होने पर टोटकों से काम नहीं चलता ,फिर तो तीब्र प्रभावी प्रयोग ही करना पड़ता है |
. व्यवसाय कार्य बंधन
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     आमतौर पर देखा गया है की एक ही प्रकार के दो प्रतिष्ठान ,दूकान पासपास होते हुए भी एक का व्यवसाय अच्छा चल रहा है ,जबकि दुसरे का व्यापार ठप पड़ा रहता है अथवा बहुत कम चलता है |कभीकभी ऐसा भी देखा जाता है की कभी किसी दूकान पर बहुत भीड़ लगती थी पर आज वहां एक भी ग्राहक दिखाई नहीं देता जबकि पास में बाद में खोली हुई दूकान बहुत अच्छी चल रही है ,,जिस घर में कभी सुखशांति थी वहां एकाएक लड़ाईझगडे , मार-पीट ,रोगशोक पनप जाते हैं |क्यों ऐसा होता है |इसके यद्यपि कई कारण हो सकते हैं पर अक्सर इसके कारण तांत्रिक प्रयोग भी होते हैं ,छोटेछोटे स्वार्थ के लिए लोग खुद अथवा किसी लालची से तांत्रिक क्रियाएं करवाकर दुसरे को कष्ट दे देते हैं अथवा उसकी दूकानप्रतिष्ठान बंधवा देते हैं ,कभी किसी जानकार से शत्रुता भी भरी पड़ जाती है ,वह कुछ क्रिया करके दूकान बाँध देता है |कभीकभी इनमे जानकार की कोई गलती नहीं होती ,सामने वाला प्रतिद्वंदी किसी जानकार से जाकर कहता है की मेरे सामने वाला या पडोसी बहुत परेशां कर रहा है ,तांत्रिक क्रिया कर रहा है या समस्या उत्पन्न कर रहा है ,कोई उपाय करें ,अब जानकार अन्तर्यामी तो होता नहीं ,वह कुछ टोटके कर देता है या बता देता है ,परेशांन दूसरा व्यक्ति हो जाता है जबकि उसने कोई गलती नहीं की होती |ऐसा होता है अक्सर |
          यदि ऐसा हो और लगे की अचानक बहुत समस्या आ गयी है और दूकानप्रतिष्ठान का व्यवसाय कम हो गया है ,अथवा आसपास अच्छी स्थिति होने पर भी आपके पास उपयुक्त व्यवसाय नहीं हो पा रहा हो तो बेहतर तो है की किसी अच्छे जानकार से संपर्क करें |यदि यह संभव न हो तो इसका एक सरल सा उपाय करें ,आपकी समस्या हल हो जाएगी |इसके लिए तीन तांत्रिक वस्तुएं लें सियार सिंगी ,बिल्ली की नाल और हत्था जोड़ी |यद्यपि इसके लिए बहुत सावधानी और परिश्रम की जरुरत होगी क्योकि बिल्ली की नाल और सियारर्सिंगी का  मिलना ही बेहद मुश्किल होता है |इन तीनो तांत्रिक वस्तुओं को प्राप्त कर प्राणप्रतिष्ठित करवाकर एक डिब्बी में सिन्दूर भरकर अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान के कैश बाक्स या तिजोरी में रख दें |यदि घर पर रखना चाहें तो पूजा स्थान पर रख दें |तांत्रिक दोष निवारण के लिए इन तीनो वस्तुओं का घर अथवा प्रतिष्ठान में रखना ही पर्याप्त है ,इनका रोज धुपअगरबत्ती -पूजा किया जाना ही पर्याप्त है |स्थापित होते ही इनका प्रभाव प्रारम्भ हो जाता है |कुछ ही दिनों में स्थिति सामान्य हो जाती है और व्यवसाय अपनी वास्तविक स्थिति में आ जाता है ,घरपरिवार में सुखशांति आ जाती है |……………………………………………………हरहर महादेव  

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