Alaukik Shaktiyan

ज्योतिष ,तंत्र ,कुण्डलिनी ,महाविद्या ,पारलौकिक शक्तियां ,उर्जा विज्ञान

Author: Alaukik Shaktiyan
  • प्रेत बाधा निवारण के कुछ मंत्र प्रयोग

    मान्त्रिक प्रयोग —————– भूत–प्रेत बाधाओं, जादू–टोनों आदि के प्रभाव से भले–चंगे लोगों का जीवन भी दुखमय होजाता है। ज्योतिष तथा शाबर ग्रंथों में इन बाधाओं से मुक्ति के अनेकानेक उपाय उपायबताए गए हैं।इस प्रकार की बाधा निवारण करने से पूर्व स्वयं की रक्षा भी आवश्यकहें.इसलिए इन मन्त्रों द्वारा अपनी तथा अपने आसन की सुरक्षा कर व्यवस्थित हो जाएँ…1. जब भी हम पूजन आदि धार्मिक कार्य करते हैं वहां आसुरी शक्तियां अवश्य अपना प्रभावदिखाने का प्रयास करती हैं, उन आसुरी शक्तियों को दूर भगाने के लिए हम मंत्रों का प्रयोगकर सकते हैं। इसे रक्षा विधान कहते हैं। नीचे रक्षा विधान के बारे में संक्षिप्त में लिखा गयाहै। रक्षा विधान का प्रयोग करने से बुरी शक्तियां धार्मिक कार्य में बाधा नहीं पहुंचाती तथादूर से ही निकल जाती हैं। रक्षा विधान– रक्षा विधान का अर्थ है जहाँ हम पूजा कर रहे है वहाँ यदि कोई आसुरीशक्तियाँ, मानसिक विकार आदि हो तो चले जाएं, जिससे पूजा में कोई बाधा उपस्थित नहो। बाएं हाथ में पीली सरसों अथवा चावल लेकर दाहिने हाथ से ढंक दें तथा निम्न मंत्रउच्चारण के पश्चात सभी दिशाओं में उछाल दें। मंत्र—–ओम अपसर्पन्तु ते भूता: ये भूता:भूमि संस्थिता:।ये भूता: बिघ्नकर्तारस्तेनश्यन्तु शिवाज्ञया॥अपक्रामन्तु भूतानि पिशाचा: सर्वतो दिशम।सर्वेषामविरोधेन पूजा कर्मसमारभ्भे॥ 2. देह रक्षा मंत्र:—- ऊँ नमः वज्र का कोठा, जिसमें पिंड हमारा बैठा। ईश्वर कुंजी ब्रह्मा का ताला, मेरे आठों धामका यती हनुमन्त रखवाला।इस मंत्र को किसी भी ग्रहण काल में पूरे समय तक लगातार जप करके सिद्ध कर लें।. किसीदुष्ट व्यक्ति से अहित का डर हो, ग्यारह बार मंत्र पढ़कर शरीर पर फूंक मारे तो आपकाशरीर दुश्मन के आक्रमण से हर प्रकार सुरक्षित रहेगा। 3. उल्टी खोपड़ी मरघटिया मसान बांध दें, बाबा भैरो की आन।इस मंत्र को श्मशान में भैरोजी की पूजा, बलि का भोग देकर सवा लाख मंत्र जपे तथाआवश्यकता के समय चाकू से अपने चारों तरफ घेरा खींचे तो अचूक चैकी बनती है।4. इससे किसी भी प्रकार की मायावी शक्ति साधना में विघ्न नहीं डाल सकती, होली,दीपावली या ग्रहण काल में इस मंत्र को सिद्ध कर लें 11 माला जपकर। ऊँ नमः श्मशानवासिने भूतादिनां पलायन कुरू–कुरू स्वाहा।इस मंत्र से 108 बार अभिमंत्रित करके लहसुन, हींग को पीसकर इसके अर्क को बाधाग्रस्तरोगी के नाक व आंख में लगायें, भूत तुरंत शरीर छोड़कर चला जाएगा।5. बहेड़े के पत्ते या जड़ को घर लाकर धूप, दीप, नैवेद्य और पंचोपचार पूजा के बाद 1माला यानि 108 बार इस मंत्र से 21 दिन अभिमंत्रित करने से सिद्ध हो जाएगा।ऊँ नमः सर्वभूताधिपतये ग्रसग्रस शोषय भैरवी चाजायति स्वाहा।’ इस पत्ते को जहां स्थापित किया जाता है, वहां किसी भी प्रकार से भूत प्रेतबाधा व जादू टोनेका प्रभाव नहीं पड़ता तथा सिद्ध जड़ को बच्चे या बड़े के गले में ताबीज बनाकर पहनाया जासकता है।6. प्रेतबाधा निवारण भूत, प्रेत, डाकिनी, शाकिनी तथा पिशाच, मशान आदि तामसीशक्तियों से रक्षा के लिए यह साधना सर्वोत्तम तथा सरल उपाय वाली है। .इसके लिएसाधक को चाहिए कि किसी शुभ घड़ी में रविपुष्य योग अथवा शनिवार को) उल्लू लेकर,उसके दाएं डैने के कुछ पंख निकाल लें तथा उल्लू को उड़ा दें। इसके बाद उस पंख कोगंगाजल से धोकर स्नानादि करके पूर्वाभिमुख होकर लाल कंबल के आसन पर बैठकर2100 बार मंत्र पढकर प्रत्येक पंख पर फूंक मारे। इस प्रकार से अभिमंत्रित करके, जलाकरउन पंखों की राख बना लें ।मंत्र: ऊँ नमः रूद्राय, नमः कालिकायै, नमः चंचलायै नमः कामाक्ष्यै नमः पक्षिराजाय, नमःलक्ष्मीवाहनाय, भूत–प्रेतादीनां निवारणं कुरू–कुरू ठं ठं ठं स्वाहा।इस मंत्र से सिद्ध भभूति को कांच के चैड़े पात्र में सुरक्षित रख लें। जब भी किसी स्त्री या पुरुषको ऊपरी बाधा हो, इसे निकालकर चुटकी भर विभूति से 108 बार मंत्र पढ़कर झाड़ देने सेजो अला बला हो, वह भाग जाती है।अधिक शक्तिशाली आत्मा हो तो इसे ताबीज में रखकर पुरुष की दाहिनी भुजा पर, स्त्री कीबाई भुजा पर बांधने से दुबारा किसी आत्मा या दुरात्मा का प्रकोप नहीं होता।…………………………………………हर -हर महादेव विशेष –…

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  • भूत -प्रेत ,बाधाएं ,नकारात्मक शक्तियाँ हटायें दिव्य गुटिका /डिब्बी से

    भूत -प्रेत /नकारात्मक ऊर्जा पर प्रतिक्रिया करती और हटाती है दिव्य गुटिका   ================================================================ वर्षों के…

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  • उपरी बाधा ,हवा ,भूत दूर करने के टोटके

    भूत -प्रेत -ऊपरी बाधा या हवा दूर करने का प्रयोग और टोटके  ========================================== १. भूत–प्रेत, ऊपरी बाधा या हवा। यह शब्द अक्सर हमारे सुनने में आते हैं। ऐसा मानाजाता है जिन लोगों पर इनका असर होता है उनमें कुछ शारीरिक व मानसिक परिवर्तन होजाता है। उत्तेजना में आकर ऐसे लोग किसी पर भी वार कर सकते हैं। भूत बाधा से पीडि़तव्यक्ति को नीचे लिखे टोटके से इस परेशानी से मुक्ति मिल सकती है। सामग्री——— लौंग का जोड़ा, फूल का जोड़ा, इलाइची, पान और पेड़ा। टोटका-एक दोना लेकर उसमें सबसे पहले पान रखें,, उसके ऊपर फूल व अन्य वस्तुएं रखकरभूतबाधा से पीडि़त व्यक्ति के नाम राशि के ग्रह का मंत्र 108 बार पढ़ें,, यह कार्य पवित्रहोकर व दोना सामने रखकर करें,,इसके पश्चात सात बार मंत्र पढ़ते हुए उस दोने को रोगीके सिर से पांव तक उतार कर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से प्रेत बाधा शांतहो जाती है ( यह टोटका अनटोका किया जाना चाहिए।२.प्रेत बाधा दूर करने के लिए पुष्य नक्षत्र में चिड़चिटे अथवा धतूरे का पौधा जड़सहितउखाड़ कर उसे धरती में ऐसा दबाएं कि जड़ वाला भाग ऊपर रहे और पूरा पौधा धरती मेंसमा जाएं। इस उपाय से घर में प्रेतबाधा नहीं रहती और व्यक्ति सुख–शांति का अनुभवकरता है।३.भूत, पिशाच जहाँ रहते हैं, वहां गाय खड़ी कर दो, गाय की सुगंध से भूत अपने आपभागेंगे l किसी के घर में भूत, प्रेत का वास हो, तो गाय का गोबर अथवा गाय का झरणछिटका करो l गाय का कंडा जलाओ, उस पे थोड़ा गाय का घी डाल दो, अपने आप भागेंगे, भागना नहीं पड़ेगा l अगर किसी व्यक्ति के अंदर भूत घुसे हैं तो उसे उसी धूप वाले कमरे मेंबिठाओ, भाग जायेंगे l ४.यदि बच्चा बाहर से खेलकर, पढ़कर, घूमकर आए और थका, घबराया या परेशान सालगे तो यह उसे नजर या हाय लगने की पहचान है, ऐसे में उसके सर से ७ लाल मिर्च औरएक चम्मच राई के दाने ७ बार घूमाकर उतारा कर लें और फिर आग में जला दें।५.यदि बेवजह डर लगता हो, डरावने सपने आते हों, तो हनुमान चालीसा और गजेंद्र मोक्षका पाठ करें और हनुमान मंदिर में हनुमान जी का श्रृंगार करें व चोला चढ़ाएं।६.व्यक्ति के बीमार होने की स्थिति में दवा काम नहीं कर रही हो, तो सिरहाने कुछ सिक्केरखे और सबेरे उन सिक्कों को श्मशान में डाल आए।७.व्यवसाय बाधित हो, वांछित उन्नति नहीं हो रही हो, तो ७ शनिवार को सिंदूर, चांदी कावर्क, मोतीचूर के पांच लड्डू, चमेली का तेल, मीठा पान, सूखा नारियलऔर लौंग हनुमानजी को अर्पित करें।८.किसी काम में मन न लगता हो, उचाट सा रहता हो, तो रविवार को प्रातः भैरव मंदिर मेंमदिरा अर्पित करें और खाली बोतल को सात बार अपने सरसे उतारकर पीपल के पेड़ केनीचे रख दें।…

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  • बगलामुखी यन्त्र ::प्रेत बाधा रोकती और हटाती है

    बगलामुखी यन्त्र से रोके/हटाये भूत–प्रेत ,वायव्य बाधा ,नकारात्मक ऊर्जा ==================================         भगवती बगलामुखी दस…

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  • प्रेत -भूत ,किये -कराये से मुक्ति के उपाय

    भूत–प्रेत ,वायव्य बाधा और तांत्रिक अभिचार से मुक्ति के उपाय ==========================================              भूत–प्रेत-चुड़ैल जैसी…

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  • भूत -प्रेत ,तांत्रिक अभिचार से कैसे बचें ?

    भूत -प्रेत ,वायव्य बाधाओं और तांत्रिक अभिचार से बचाव के उपाय =============================================               भूत–प्रेत…

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  • आत्माओं को कैसे बुलाएं ?

    आत्मा आह्वान की विधियां  ==================  आत्मा आह्वान की कई विधियां भारत में प्रचलित है…

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  • आत्माओं को कैसे बुलाएं ?

    आत्मा आह्वान की विधियां  ==================  आत्मा आह्वान की कई विधियां भारत में प्रचलित है…

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  • पूजा में विघ्न भूतों -प्रेतों के कारण भी आती है

    नकारात्मक ऊर्जा की छाया हो तो पूजा में भी बाधा पड़ती है  ===================================== सामान्यतया…

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  • भूतों -प्रेतों से बचाव और सावधानियां

    भूत–प्रेतों से बचाव हेतु सावधानियां ======================  इस सृष्टि में जो उत्पन्न हुआ है उसका…

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  • कौन लोग बनते हैं भूत ?,कौन प्रेत योनी में जाता है ?

    कौन बनता है भूत, कैसे रहें भूतों से सुरक्षित. =========================== जिसका कोई वर्तमान न…

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  • आत्माओं से संपर्क कैसे किया जा सकता है ?

    आत्माओं से संपर्क कैसे किया जा सकता है   ============================== मनोवांछित आत्माओं से संपर्क…

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  • घर में नकारात्मक शक्ति का प्रभाव तो नहीं ?

    आप पर या घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो सकता है  ====================================== प्रकृति…

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  • आपके घर में भूत भी रहते हैं !

    आपके घर में भूतों का डेरा है ,पर आपको पतानहीं  ======================== आप अपनी जिन्दगी…

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  • भूतों -प्रेतों के निवास स्थान

    भूत -प्रेतों के निवास स्थान =================== भूत–प्रेतों का निवास नीचे दिए गए कुछ वृक्षों…

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  • भूत -प्रेत ग्रस्त व्यक्ति की पहचान

    भूत प्रेत -आत्मा -वायव्य बाधा ग्रस्त व्यक्ति की  पहिचान ======================================  जो लोग अकाल मौत…

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  • प्रेत कैसे बनते हैं ?,इनका शक्ति का आधार क्या है ?

    कैसे बनते हैं भूत -प्रेत  ================ कैसे होता है भूत -प्रेत -ब्रह्म की शक्ति…

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  • भूत -प्रेतों -आत्माओं की वास्तविकता

    क्या वास्तव में भूत–प्रेत होते हैं  ===================         आत्मा के तीन स्वरुप माने गए…

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  • आत्माओं की रहस्यमय दुनियां

    आत्माओं का रहस्यमय संसार ===================== ब्रम्हांड में लाखों आत्माओं का अस्तित्व विद्यमान है। जो वायुमंडल में स्वतंत्र रूप सेंविचरण करते हैं। जिनमंे कई प्रकार के आत्माएं होती है। जैसे राजा, महाराजा, वैज्ञानिक, विशेषज्ञ, विद्वान, चोर, डाकू, बदमाश, सामान्य मनुष्य तथा उच्चकोटि के मनुष्य आदि, जिनमें मुख्यतः दो प्रकार की आत्माएं होती है। – दिव्यात्मा तथा दुष्टात्मा। दिव्य आत्मा – —————ये आत्माएं कभी कभी किसी मनुष्य की जिंदगी से प्रभावित हो जाते है औरउसको सहयोग भी करते है। खासकर उस व्यक्ति के जिंदगी से प्रभावित होते हैं, जिनकीजिंदगी उसी आत्मा के जिंदगी से मिलती–जुलती है, जैसे उस आत्मा ने अपनी पूर्व जिंदगीमें बहुत कष्ट झेले हों और दुःखों का सामना किया हो तो वह आत्मा किसी व्यक्ति केजिंदगी के कष्टों एवं दुःखों को देख नहीं सकता, क्योंकि वह अपने जिंदगी में दुख, कष्ट, कठिनाईयों और परेशानियों से भली–भांति परिचित रहा है। अतः वह किसी ऐसे व्यक्ति कीसहायता अवश्य करता है, जो इस प्रकार की समस्याओं से ग्रस्त रहता है। ऐसी आत्माजिनकी जिंदगी से प्रभावित हो जाते हैं, उनकी जिंदगी खुशियों से भर जाती है और जीवन मेंकिसी प्रकार का अभाव नहीं रहता। पग–पग पर सफलताएं कदम चूमने लगती है। गांवतथा शहरों में ऐसे सैकडों उदारण देखने को मिल जाते हैं, जैसे अनायास ही गड़े धन का पतालग जाना, चांदी के सिक्कों से भरा घड़ा मिल जाना, इच्छा करते ही उसकी पूर्ति हो जाना, एक्सीडेंट या दुर्घटना का पूर्वाभास होना यह सब दिव्यात्माओं के प्रसन्न होने के कारणअनायास ही होने लगता है। दुष्टात्मा –  ————- ये आत्माएं बहुत ही दुष्ट होती है। इन्हें हमेशा किसी न किसी को सताते रहने मेंबहुत आनंद आता है। ये आत्माएं कभी किसी का भला नहीं करती। ये आत्माएं जिनके पीछेपड़ जाती है, उसकी जिंदगी बर्बाद कर देती है। उनके परिवार में कभी सुख–शांति नहींरहती। कदम–कदम पर हानि पहुंचाते है। उनके साथ कब कौन सी घटना घट जाये कुछकहा नहीं जा सकता। जिस व्यक्ति पर ऐसी आत्माओं का प्रकोप हो जाता है, वह व्यक्तिपागल भी हो जाता है। दुष्ट आत्मायें किसी भी दृष्टि से हितकर नहीं हंै।  आत्माओं का रहस्य –===============शरीर से निकलने के बाद सैकड़ांे वर्ष तक आत्मायें वायुमंडल में विचरण करती रहती हैं, क्योंकि वह पुनः गर्भ में जाने के इच्छुक नहीं होती या किसी ऐसे गर्भ में जन्म लेने कोउत्सुक होते हैं जो उनका मनोवांछित हो। उदाहरण के लिए अधिकांश आत्मायें तो जन्म हीनहीं लेना चाहती क्योंकि उन्होंने गर्भ में या गर्भ के बाहर जो कुछ भोगा है वह ज्यादासुखकर नहीं होता है। अगर वे जन्म भी लेना चाहें तो किसी ऐसे गर्भ की खोज में रहतें है जोसभी दृष्टियों से सुखी एवं सम्पन्न हों, तथा उन्हें खुलकर कार्य करने का मौका मिले, परऐसा संयोग से ही प्राप्त हो पाता है। क्या मनोवांछित आत्माओं से बातचीत किया जा सकता है ?आत्मायें कैसे आकर्षित होती है ?मनुष्य का शरीर जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी और आकाश इन पांच तत्वों से निर्मित होता है।मृत्यु के पश्चात् जब मनुष्य स्थूल शरीर को छोड़कर सूक्ष्म शरीर धारण करता है तो इसमेमात्र दो तत्व शेष रह जातें है – वायु और आकाश तत्व, पृथ्वी तत्व समाप्त हो जाने केकारण पृथ्वी की गुरूत्वाकर्षण शक्ति का आत्माओं पर कोई असर नहीं होता। फलस्वरूपस्थूल शरीर के अलावा सूक्ष्म शरीर की शक्ति हजारों गुणा अधिक हो जाती…

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